By प्रिया मिश्रा | Jun 21, 2022
एक उम्र के बाद लड़कियों के शरीर में बदलाव आने लगते हैं। प्युबर्टी के दौरान लड़कियों के स्तन का आकार बढ़ना, मासिक धर्म की शुरुआत, बगल और जनांगों पर बाल आना जैसे परिवर्तन शरीर में देखने को मिलते हैं। लेकिन सिर्फ 10 साल की नाबालिग सोमालता हाजरा (बदला हुआ नाम) को अपने परिपक्व स्तनों के कारण शर्मिंदगी झेलनी पड़ती थी। उसके स्तन उसके शरीर के आकार से बहुत बड़े थे। डॉक्टर्स के मुताबिक, इतनी कम उम्र में इतने बड़े स्तन असल में एक बीमारी है। मेडिकल भाषा में इसे 'गिगेंटोमैस्टिया' कहा जाता है। सोमालता जैसी कई लड़कियां इस दुर्लभ बीमारी से प्रभावित होती हैं। इस बीमारी में ब्रेस्ट का आकार बढ़ता चला जाता है। इसके कारण महिलाओं को शारीरिक कठिनाइयों के अलावा काफी सामाजिक और मानसिक तनाव भी सहना पड़ता है।
कोलकाता मेडिकल कॉलेज के ब्रेस्ट और एंडोक्राइन डिपार्टमेंट में सोमालता की सर्जरी हुई। जिसके बाद उनके ब्रेस्ट के आकार में बदलाव किया गया। लेकिन उसके जैसी कई लड़कियां इस बीमारी से पीड़ित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वयस्कों में स्तन रोग उतना सामान्य नहीं होता जितना किशोरावस्था में होता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि ब्रेस्ट में ट्यूमर होता है, जिस पर माता-पिता ध्यान नहीं देते।
मासिक धर्म की शुरुआत के समय से किशोरावस्था में स्तनों का आकार बढ़ने लगता है। यह विकास एक निश्चित उम्र में रुक जाता है। लेकिन अगर ब्रेस्ट का आकार नहीं रुके तो यह खतरा है। रजोनिवृत्त महिलाओं में यह स्थिति अधिक आम है। लेकिन सिर्फ 10 साल में सोमालता के साथ जो हुआ वह दुर्लभ है। उसका मासिक धर्म अभी शुरू नहीं हुआ है। सोमालता के घरवालों के मुताबिक 2021 से उसके ब्रेस्ट डेवलपमेंट की शुरुआत हुई थी। स्तन एंडोक्राइन विभाग के प्रमुख, धृतिमान मैत्रा, के अनुसार, गिगेंटोमैस्टिया का कारण अज्ञात है। हालांकि, डॉक्टर्स के मुताबिक जीवनशैली और अनियोजित शहरीकरण इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। कलकत्ता मेडिकल कॉलेज के बाल चिकित्सा विभाग के डॉक्टर्स ने सोमालता की स्तिथि की जांच करने के बाद उन्हें एंडोक्रिनोलॉजी विभाग रेफर कर दिया गया। सर्जरी के बाद सोमालता के स्तनों को उनकी उम्र के अनुसार बनाया गया।