भोपाल। मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना जिले में एक छह माह की बच्ची की कुपोषण से हुई मौत पर संज्ञान लिया है। इस मामले में आयोग ने संभागायुक्त ग्वालियर, कलेक्टर गुना तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गुना से चार सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
मानव अधिकार आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यालय पर कुपोषण से छह माह की हिमांशिका जाटव की मौत ने जिला प्रशासन के कुपोषण मिटाने के तमाम दावों की पोल खोल दी है। हिमांशिका की मौत बीते गुरूवार देर रात को जिला अस्पताल में हुई थी। उसे इलाज के लिये एनआरसी के बाद पीआइसीयू में भर्ती किया गया था। जिले में वर्तमान में करीब 14 सौ बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं।
जिला प्रशासन कुपोषितों को सुपोषित करने को लेकर एक अभियान चलाकर 30 फीसदी बच्चों को स्वस्थ करने का दावा कर रहा है। दूसरी ओर बीते गुरूवार रात एक बजे जिले के रामपुरा गांव के मनोज जाटव की छह माह की बेटी हिमांशिका ने जिला अस्पताल के पीआइसीयू में दम तोड़ दिया। इस घटना को अस्पताल के डॉक्टर से लेकर प्रत्येक कर्मचारी अगले दिन छुपाता रहा। यहां तक कि मौके से भर्ती रजिस्टर भी गायब करा दिया गया।