Guru Dutt Birth Anniversary: प्यार, पैसा, शोहरत और नाम सब होने के बाद भी ताउम्र बेचैन रहे गुरुदत्त
भारतीय सिनेमा के फेमस एक्टर, फिल्ममेकर और राइटर रहे गुरुदत्त का 09 जुलाई को जन्म हुआ था। बता दें कि वह एक ऐसे कलाकार थे, जिसने अपने जीवन को सिनेमा का पर्दा समझकर उसमें सबकुछ झोंक दिया।
आज ही के दिन यानी की 09 जुलाई को अपनी बेहतरीन फिल्मों के जरिए 50-60 के दशक में रुपहले पर्दे को गुलजार करने वाले फिल्ममेकर गुरुदत्त का जन्म हुआ था। उन्होंने कई शानदार फिल्में बनाने के साथ ही एक्टिंग में भी अपना लोहा मनवाया था। नाम, पैसा, शोहरत हर चीज होने के बाद भी उनके जीवन में शांति नहीं थी और वह ताउम्र बेचैन रहे। दो बार उन्होंने खुद को समाप्त करने का भी प्रयास किया। बता दें कि वह एक ऐसे कलाकार थे, जिसने अपने जीवन को सिनेमा का पर्दा समझकर उसमें सबकुछ झोंक दिया। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर अभिनेता और फिल्ममेकर गुरुदत्त के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म
कर्नाटक के मंगलूर में 09 जुलाई 1925 को गुरुदत्त का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था। उन्होंने शुरूआती शिक्षा कोलकाता से पूरी की। फिर आगे की पढ़ाई खत्म करने के बाद एक कंपनी में टेलिफोन ऑपरेटर की नौकरी करने लगे। बाद में नौकरी में मन नहीं लगने के कारण उन्होंने नौकरी छोड़ दी और वह पुणे चले गए।
इसे भी पढ़ें: Mohammed Aziz Birth Anniversary: कभी रेस्टोरेंट में गाना गाते थे मोहम्मद अजीज, रफी के क्लोन के रूप में ऐसे मिली पहचान
फिल्मी कॅरियर
बता दें कि साल 1945 में उनको 'प्रभात' फिल्म कंपनी में काम मिल गया। वहीं फिल्म 'लाखारानी' से गुरुदत्त ने फिल्मी कॅरियर की शुरूआत की। वहीं साल 1946 में फिल्म 'हम एक हैं' से गुरुदत्त ने बतौर सहायक निर्देशक और डांस निर्देशक की जिम्मेदारी निभाई। वहीं साल 1947 में प्रभात फिल्म कंपनी से उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया। गुरुदत्त के अंदर पर्दे पर कुछ अद्भुत और अद्वितीय रचने की बेचैनी रहती थी। अगर कहा जाए कि वह अपने आप में सिनेमा का महाविद्यालय थे, तो यह गलत न होगा। गुरुदत्त की तीन क्लासिक फिल्मों 'साहिब बीवी और गुलाम', 'प्यासा' और 'कागज के फूल' को टेक्स्ट बुक का दर्जा प्राप्त है।
शादी और अफेयर
अभिनेता गुरुदत्त का करियर रफ्तार से आगे बढ़ रहा था। तभी साल 1951 में आई फिल्म 'बाजी' बड़ी सक्सेजफुल रही। इस फिल्म की सक्सेज के दौरान गुरुदत्त की मुलाकात गीता दत्त से हुई और दोनों को प्यार हो गया। फिर साल 1953 में उन्होंने गीता दत्त से शादी कर ली। गुरुदत्त अपनी शादीशुदा जिंदगी में खुश थे, लेकिन तभी उनकी मुलाकात एक्ट्रेस वहीदा रहमान से हुई। दोनों के अफेयर के चर्चे आम हो गए। लेकिन गुरुदत्त पहले से शादीशुदा थे। जिस कारण वहीदा को लेकर उनकी शादीशुदा जिंदगी में तनाव आना शुरू हो गया। साल 1956 में गुरुदत्त और गीता दत्त अलग हो गए।
मौत
इंडस्ट्री को कई शानदार और हिट फिल्म देने वाले गुरुदत्त के जीवन में एक समय़ ऐसा भी आया जब वह पूरी तरह से दिवालिया हो गए। उनकी फिल्म 'कागज के फूल' फ्लॉप रही औऱ निजी जीवन में भी परेशानियों ने घेर लिया। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में हुए नुकसान के कारण वह अंदर से टूट गए औऱ दो बार गुरुदत्त ने सुसाइड करने की कोशिश भी की। वहीं महज 39 साल की उम्र में 10 अक्टूबर 1964 को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
अन्य न्यूज़