Sampat Prakash के निधन से Kashmir में शोक की लहर, बड़ी संख्या में मुस्लिम भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए

Sampat Prakash
Prabhasakshi

हम आपको बता दें कि संपत प्रकाश के निधन पर लगभग समूची कश्मीर घाटी में शोक मनाया गया। बड़ी संख्या में मुस्लिम एकजुटता व्यक्त करने के लिए श्रीनगर जिले में उनके आवास पर एकत्र हुए और अंतिम संस्कार में भी भाग लिया।

कश्मीर में साम्प्रदायिक एकता की मिसाल और गरीबों की आवाज उठाने वाले ट्रेड यूनियन लीडर संपत प्रकाश के निधन से शोक की लहर दौड़ गयी है। हर समाज के लोग उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देने पहुँचे और उनकी विशाल हृदयता तथा जुझारूपन की तारीफ की। संपत प्रकाश के विशाल व्यक्तित्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके अंतिम संस्कार के समय बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने भी भाग लिया। हम आपको बता दें कि कश्मीरी पंडित और यूनियन ट्रेडर्स के अध्यक्ष संपत प्रकाश का 84 वर्ष की आयु में हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। प्रभासाक्षी से बात करते हुए स्थानीय लोगों ने कहा- "वह न्याय की आवाज थे। उनकी मृत्यु के साथ वह आवाज खो गई है। यह कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के लिए भी एक क्षति है।" शोक संतप्त एक व्यक्ति ने कहा, ''वह कश्मीरी थे, मुस्लिम नहीं, पंडित नहीं, वह सच्चे कश्मीरी थे।'' कई लोगों ने प्रभासाक्षी से बातचीत में बताया कि संपत प्रकाश ने ट्रेड यूनियन आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान दिया। वह उन नेताओं की अग्रिम पंक्ति में थे जिन्होंने 1967 में कर्मचारियों की आम हड़ताल का आयोजन किया था।

इसे भी पढ़ें: Mehbooba Mufti ने प्रधान न्यायाधीश से अनुच्छेद 370 से जुड़ी याचिकाओं पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया

हम आपको बता दें कि संपत प्रकाश के निधन पर लगभग समूची कश्मीर घाटी में शोक मनाया गया। बड़ी संख्या में मुस्लिम एकजुटता व्यक्त करने के लिए श्रीनगर जिले में उनके आवास पर एकत्र हुए और अंतिम संस्कार में भी भाग लिया। उनके निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में चार पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के अलावा सीपीएम के दिग्गज नेता एम.वाई. तारिगामी, हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़े नेता और आम कश्मीरी शामिल हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़