Vasundhara Raje ने की जोरदार वापसी, PM Modi के साथ मंच साझा करने के बाद Rajasthan में अटकलों का दौर शुरू
खुद प्रधानमंत्री मोदी राज्य में अपने शुरुआती चुनावी भाषणों में कहा चुके हैं कि इस चुनाव में भाजपा का चेहरा 'कमल का फूल' है। मोदी ने अक्तूबर माह में चितौड़गढ़ जिले में हुई एक रैली में यह बात कही थी और उसमें वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं।
भाजपा में हाशिये पर चल रहीं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एकाएक राजनीति के केंद्र में आ गयी हैं। पिछले कुछ समय से देखा जा रहा था कि भाजपा आलाकमान वसुंधरा राजे के साथ मंच साझा नहीं कर रहा है खुद वसुंधरा भी भाजपा नेतृत्व से दूरी बनाए चल रही थीं लेकिन राजस्थान में विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के अंतिम दौर से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को एक मंच पर नजर आए। इसके बाद सियासी गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया कि वसुंधरा राजे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व के बीच 'सब ठीक-ठाक' है। राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि मतदान से ठीक पहले इस चुनावी सभा के जरिए भाजपा की ओर से मतदाताओं को 'संदेश' देने की कोशिश की गई है। हम आपको बता दें कि राज्य में विधानसभा चुनाव के तहत मतदान 25 नवंबर को होना है। प्रचार का शोर गुरुवार शाम थम जाएगा। मतदान से कुछ ही दिन पहले मोदी व वसुंधरा राजे के एक साथ एक मंच पर आने और इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर साझा किए जाने के इसलिए भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं क्योंकि भाजपा ने इस चुनाव में किसी को भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।
खुद प्रधानमंत्री मोदी राज्य में अपने शुरुआती चुनावी भाषणों में कहा चुके हैं कि इस चुनाव में भाजपा का चेहरा 'कमल का फूल' है। मोदी ने अक्तूबर माह में चितौड़गढ़ जिले में हुई एक रैली में यह बात कही थी और उसमें वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं। इसके बाद से प्रधानमंत्री हर रैली में कमल को ही भाजपा का चेहरा बता रहे हैं और पूरा चुनाव अपने कंधों पर ही रखते हुए जनता को मोदी की गारंटी दे रहे हैं। दूसरी ओर वसुंधरा राजे के समर्थक मुख्यमंत्री पद की दौड़ में उन्हें ही सबसे आगे मानते हैं वहीं सत्तारुढ़ कांग्रेस चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित ना करने को लेकर भाजपा पर निशाना साधती रही है तथा इसे राज्य में भाजपा की अंदरूनी खींचतान बताती रही है। हालांकि इस बारे में कुछ भी सार्वजनिक टिप्पणी करने से वसुंधरा राजे बचती रही हैं। वसुंधरा राजे का नाम भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में भी नहीं था, वसुंधरा के कई करीबियों का भाजपा ने इस बार टिकट काट दिया और कई करीबियों की सीटों में परिवर्तन कर दिया। इसके अलावा वसुंधरा राजे को इस बार परिवर्तन यात्राओं का नेतृत्व भी नहीं दिया गया। इस सबसे यही लग रहा था कि भाजपा वसुंधरा राजे को किनारे कर रही है लेकिन चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में वसुंधरा राजे को आगे कर भाजपा ने कई संकेत देने की कोशिश की है। वसुंधरा भी जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफें करने लगी हैं उससे लग रहा है कि शायद पार्टी आलाकमान के साथ उनके समीकरण अब ठीक हो गये हैं। हम आपको बता दें कि वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री की मौजूदगी में मंच से संबोधन देते हुए मोदी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और यहां तक कहा कि देश की जनता 2024 में सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
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हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राजस्थान में अपने धुआंधार चुनावी दौरे की शुरुआत अंता (बारां) में चुनावी सभा से की थी। हाडोती इलाके में इस सभा के दौरान मंच पर राज्य के बड़े नेताओं में केवल वसुंधरा राजे थीं। इसके अलावा उनके बेटे व सांसद दुष्यंत सिंह और पार्टी के स्थानीय प्रत्याशी थे। राजनीति के जानकारों के अनुसार हाल ही के समय में इस तरह का पहला मौका था। और मंच पर मोदी का जब फूलों की बड़ी माला से स्वागत किया तो फ्रेम में दो बड़े चेहरे मोदी व वसुंधरा राजे के ही थे। मंच पर मोदी के एक ओर वसुंधरा राजे व दूसरी ओर दुष्यंत बैठे थे। कार्यक्रम के दौरान मोदी इन दोनों से संवाद करते भी नजर आए।
अपने संबोधन में वसुंधरा राजे ने कहा कि मोदी का लोहा पूरा देश मानता है और आज पूरा विश्व उनका नेतृत्व स्वीकारता है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "देश की जनता 2024 में हैट्रिक के लिए मोदी जी का बेसब्री से इंतजार कर रही है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं के माध्यम से लोगों को संबल मिला है। यही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर हमला भी बोला और कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार की योजनाएं सिर्फ अखबारों में हैं। वहीं अपने संबोधन में मोदी ने सभा में उमड़ी भीड़ के बारे में दुष्यंत सिंह से हुई चर्चा का जिक्र किया और कहा कि यह जनसमूह दिखाता है कि 'हाडोती के मन में राजस्थान में परिवर्तन की भावना कितनी प्रचंड है'।
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