उत्तराखंड सुरंग हादसा : नेता प्रतिपक्ष ने हादसे की सीबीआई जांच की मांग की
अगर मौके पर एक्जिट टनल होती तो फंसे हुए श्रमिक अब तक बाहर आ चुके होते। परियोजना को अनुभवहीन ठेकेदार को सौंपे जाने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि क्या इसके कार्यान्वयन में कोई भ्रष्टाचार हुआ है?
उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सुरंग हादसे के कारणों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि अगर सिलक्यारा सुरंग में एक्जिट टनल होती तो उसके अंदर फंसे 41 श्रमिक अब तक निकल चुके होते।
उत्तरकाशी जिले में दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद आर्य ने संवाददाताओं से कहा, घटना को हुए आठ दिन बीत चुके हैं और श्रमिक अभी भी फंसे हुए हैं। यह पता लगाया जाना चाहिए कि क्या परियोजना स्थल पर एक्जिट टनल के निर्माण का प्रावधान था और अगर था तो उसे बनाया क्यों नहीं गया।
उन्होंने कहा कि अगर मौके पर एक्जिट टनल होती तो फंसे हुए श्रमिक अब तक बाहर आ चुके होते। परियोजना को अनुभवहीन ठेकेदार को सौंपे जाने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि क्या इसके कार्यान्वयन में कोई भ्रष्टाचार हुआ है?
आर्य ने कहा कि यहां तक कि सुरंग में रखे हुए हयूम पाइप भी दीवाली से एक-दो दिन पहले हटा दिए गए और दीवाली वाले दिन घटना हो गयी। उन्होंने कहा कि अगर वहां पाइप रखे होते तो सुरंग में पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से फंसे श्रमिक बाहर आ जाते।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मामले का राजनीतिकरण करने का उनका कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, मैं मौके पर मौजूद बचावकर्मियों और इंजीनियरों को अपना पूरा समर्थन देता हूं।
उधमसिंह नगर जिले के बाजपुर से विधायक आर्य ने कहा कि जिस तरीके से घटना से निपटा गया, उसने देश की आपदा प्रबंधन प्रक्रिया में कमियों को सतह पर ला दिया है। उन्होंने कहा, कोई आपदा प्रबंधन नीति नहीं है। उनके पास कोई विशेषज्ञ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना के कार्यान्वयन की उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए।
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