सरकार जब तक पाकिस्तान से बातचीत नहीं करेगी, तब तक कश्मीर में शांति नहीं आएगी: महबूबा

Mehbooba

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भाजपा सरकार से पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत का अपना आह्वान दोहराते हुए शनिवार को कहा कि जब तक कश्मीर मुद्दा अनसुलझा रहेगा, तब तक शांति नहीं आएगी।

रामबन/जम्मू। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भाजपा सरकार से पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत का अपना आह्वान दोहराते हुए शनिवार को कहा कि जब तक कश्मीर मुद्दा अनसुलझा रहेगा, तब तक शांति नहीं आएगी। महबूबा ने लोगों से अगले विधानसभा चुनावों में गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के घटकों को वोट करने का आह्वान किया जिससे भाजपा के सत्ता हासिल करने के प्रयास को विफल किया जा सके। पीएजीडी नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सहित कई पार्टियों का एक गठबंधन है।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कश्मीर पिछले 70 सालों से समाधान का इंतजार कर रहा है..जब तक कश्मीर मुद्दा हल नहीं हो जाता, तब तक इस क्षेत्र में शांति नहीं होगी और इसके लिए पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत जरूरी है।’’ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा ने जम्मू के अपने सप्ताह भर के दौरे के आखिरी दिन रामबन में एक कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, दोनों पाकिस्तान गए, लेकिन जब हम इसके बारे में (पड़ोसी देश के साथ बातचीत करने) बात करते हैं कि वे (भाजपा)क्षुब्ध क्यों हो जाते हैं।’’ महबूबा ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार केंद्र शासित प्रदेश के अंदर और बाहर युवाओं को जेल भेजकर सिर्फ दमन की बोल रही है। भाजपा को उसके इस दावे को लेकर आड़े हाथ लेते हुए कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पार्टी ने सब कुछ ठीक कर दिया है, उन्होंने कहा, ‘‘अगर उनका दावा सही है, तो कश्मीर में 10 लाख सैनिकों को तैनात करने की क्या आवश्यकता है?’’ भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए लोगों से पीएजीडी को वोट देने का आह्वान करते हुए - भले ही पार्टियां गठबंधन करें या अकेले चुनाव मैदान में उतरें- उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सत्ता हथियाना चाहती है और 5 अगस्त 2019 के अपने असंवैधानिक और अवैध निर्णय पर मुहर लगावाना चाहती है।

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हमें परिपक्वता का प्रदर्शन करना होगा और अपने वोटों का उपयोग उनके गलत मंसूबों को परास्त करने के लिए करना होगा।’’ महबूबा ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी सुरंग का नाम दिवंगत नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने के लिए भाजपा पर कटाक्ष किया और कहा कि एक स्थानीय राजनेता या किसी संत का नाम बेहतर होता। उन्होंने लोगों से सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘हम महात्मा गांधी के भारत में शामिल हुए और वे इसे उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे के भारत में तब्दील करना चाहते हैं।

जम्मू-कश्मीर पहले ही उनके हाथों से फिसल चुका है और अगर सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए तो यह और खिसक जाएगा।’’ 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में, पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा लोगों का ध्रुवीकरण करने के इरादे से इसे बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बजाय, पिछले आठ वर्षों में पंडितों के पुनर्वास के लिए भाजपा का प्रयास बेहतर होता।’’ परिसीमन आयोग को भाजपा का आयोग बताते हुए महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी पहले ही इसे खारिज कर चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘आयोग ने अपने मसौदा प्रस्ताव के माध्यम से सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया है। हमें इसमें कोई विश्वास नहीं है।

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