Prabhasakshi NewsRoom: 2023 की पहली चुनावी लड़ाई में कमल खिलेगा या वाम-कांग्रेस गठबंधन कमाल दिखायेगा?

Tripura Elections 2023
ANI

जहां तक मतदान की बात है तो आपको बता दें कि मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। टाउन बारडोवली निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा मतदात के शुरुआती घंटों में वोट डालने वालों में शामिल रहे।

साल 2023 की पहली चुनावी लड़ाई के लिए त्रिपुरा में आज मतदान कराया जा रहा है। त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हुआ जोकि शाम चार बजे तक जारी रहेगा। त्रिपुरा में पिछले चुनावों में ऐतिहासिक परिवर्तन कर वामपंथी किले को ढहाने वाली भाजपा ने यहां सरकार बनाई थी। पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान कड़ी मेहनत और अपने संकल्प पत्र में किये गये वादों के जरिये प्रयास किया है कि एक बार फिर राज्य में कमल खिले। वहीं भाजपा से अलग-अलग मुकाबला करने में खुद को नाकाम पा रहे वामदलों और कांग्रेस ने इस बार मिलकर चुनावी लड़ाई लड़ी है इसलिए देखना होगा कि क्या यह गठबंधन कमल के आगे कोई कमाल दिखा पाता है।

जहां तक मतदान की बात है तो आपको बता दें कि मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। टाउन बारडोवली निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा मतदात के शुरुआती घंटों में वोट डालने वालों में शामिल रहे। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने चुनाव में भाजपा की जीत का भरोसा जताया और कहा कि उनकी पार्टी पिछले बार के चुनाव से इस बार बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने महारानी तुलसीवाटी गर्ल्स स्कूल में स्थापित एक मतदान केंद्र जाते समय संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे शत प्रतिशत विश्वास है कि भाजपा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करेगी। पार्टी को पिछली बार की तुलना में अधिक सीट मिल सकती हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, साहा ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी में चीजें इस तरह तय नहीं होतीं।'' उन्होंने कहा कि अभी मैं मुख्यमंत्री हूं। 

हम आपको बता दें कि राज्य में कुल 28.13 लाख मतदाता 3,337 मतदान केंद्रों में वोट डालने के पात्र हैं। राज्य में 259 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। शुरुआती घंटे में पूर्वोत्तर राज्य में कहीं किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है और ना ही ईवीएम में गड़बड़ी की कोई खबर मिली है। हम आपको बता दें कि कुल 3,337 मतदान केंद्रों में से 1,100 केंद्रों को संवेदनशील और 28 को अति संवेदनशील के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 97 मतदान केंद्रों का प्रबंधन महिला चुनाव कर्मी कर रही हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया है, ताकि राज्य के बाहर से कोई उपद्रवी तत्व आकर मतदान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न नहीं कर सकें।

इसे भी पढ़ें: Tripura Assembly Polls | पीएम मोदी बोले- त्रिपुरा में रिकॉर्ड संख्या में मतदान कर लोकतंत्र के उत्सव को मजबूत करें

स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए 31,000 मतदानकर्मी और केंद्रीय बलों के 25,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए हैं। इसके अलावा, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस और राज्य पुलिस के 31,000 कर्मचारियों को तैनात किया गया है। अगरतला हवाई अड्डे पर आपातस्थितियों के लिए एक एयर एम्बुलैस को भी तैनात रखा गया है। राज्य के निर्वाचन अधिकारी ने मतदाताओं से अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करने की अपील करते हुए कहा है कि उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया, ‘‘दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं, ताकि उन्हें मतदान केंद्रों पर किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो।’’

पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में राजनीतिक गणित की बात करें तो इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। भाजपा और आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) गठबंधन सत्ता पर कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में है। वहीं, वाम-कांग्रेस गठबंधन ने भी सत्ता पाने के लिये पूरा जोर लगाया है। क्षेत्रीय संगठन टिपरा मोथा स्वायत्त परिषद चुनावों में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद विधानसभा के चुनाव मैदान में पहली बार उतरी है। भाजपा 55 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी ने छह सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। एक सीट पर दोनों के बीच दोस्ताना मुकाबला होगा। वाम मोर्चा 47 सीट पर चुनाव लड़ रहा है और इसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस 13 सीट पर चुनाव लड़ रही है। तृणमूल कांग्रेस ने 28 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं और 58 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं। राज्य में मतगणना दो मार्च को होगी।

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने त्रिपुरा के लोगों से समृद्ध और भ्रष्टाचार मुक्त राज्य के लिए भारी संख्या में मतदान की अपील की है। शाह ने एक ट्वीट में कहा, “त्रिपुरा के भाइयों और बहनों से आग्रह करता हूं कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए मतदान करें कि वहां एक विकासोन्मुखी सरकार बने और शांति व विकास के जिस युग की शुरुआत हुई है, वह जारी रहे।” उन्होंने कहा, “बाहर निकलकर एक समृद्ध त्रिपुरा के लिए मतदान करें।” भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने भी मतदाताओं से लोकतंत्र के उत्सव में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “सुशासन, विकास की यात्रा को जारी रखने के लिए हर एक मत मायने रखता है और वह समृद्ध और भ्रष्टाचार मुक्त त्रिपुरा के लिए निर्णायक साबित होगा।” हम आपको यह भी बता दें कि त्रिपुरा विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों और उत्तर प्रदेश, असम के मुख्यमंत्रियों ने सघन चुनाव प्रचार किया था। कांग्रेस की ओर से कोई भी केंद्रीय नेता प्रचार के लिए नहीं आया। पार्टी ने सिर्फ त्रिपुरा के प्रभारी अजॉय कुमार के ही सहारे पूरा चुनाव छोड़ दिया था। त्रिपुरा ही नहीं, कांग्रेस के केंद्रीय नेता मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनावों से भी दूरी बनाये हुए हैं। कांग्रेस जिस तरह से पूर्वोत्तर राज्यों के चुनावों में रुचि नहीं दिखा रही उससे सवाल उठता है कि कांग्रेस छोटे राज्यों के चुनावों में रुचि नहीं ले रही है। बड़े राज्यों में उसका अस्तित्व नहीं बचा तो कांग्रेस है कहां?

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़