भाजपा की ‘भ्रष्टाचार वॉशिंग मशीन’ के खिलाफ खड़े होने का वक्त है : शिवसेना (यूबीटी)
शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा कि विपक्ष को परेशान करना और सत्ता में बने रहना लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और के. चंद्रशेखर राव समेत नौ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के ‘‘घोर दुरुपयोग’’ का आरोप लगाया है।
मुंबई। शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत गुट ने सोमवार को कहा कि देश को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की ‘‘भ्रष्टाचार वॉशिंग मशीन’’ के खिलाफ खड़े होने का वक्त आ गया है। साथ ही उसने विपक्षी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का हवाला दिया जिसमें ‘‘निरंकुश शासन’’ का जिक्र किया गया है। शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा कि विपक्ष को परेशान करना और सत्ता में बने रहना लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और के. चंद्रशेखर राव समेत नौ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के ‘‘घोर दुरुपयोग’’ का आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र से इस पत्र पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने हस्ताक्षर किए हैं। सामना में कहा गया है, ‘‘अब भाजपा की ‘भ्रष्टाचार वॉशिंग मशीन’ के खिलाफ खड़े होने और देश को बचाने का वक्त आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने एक पत्र लिखा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि देश तानाशाही की ओर जा रहा है।’’ शिवसेना (यूबीटी) नेता ‘‘भ्रष्ट’’ नेताओं को पार्टी में शामिल करने तथा उन्हें ‘‘संरक्षण’’ देने को लेकर भाजपा पर निशाना साधने के लिए ‘‘वॉशिंग मशीन’’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। संपादकीय में कहा गया है, ‘‘पत्र में कहा गया है कि देश में 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई बढ़ गयी है लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे जो नेता भाजपा में शामिल हो गए, उन्होंने कभी किसी कार्रवाई का सामना नहीं किया। ऐसे ज्यादातर मामले झूठे हैं।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘स्वायत्त सरकारी संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है। यह अल कायदा और तालिबान से भी ज्यादा खतरनाक है। भारत का निर्वाचन आयोग भाजपा के आगे नतमस्तक है जिसके कारण उच्चतम न्यायालय ने भविष्य में उसकी नियुक्तियों के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया है।’’ संपादकीय में प्रख्यात वकील कपिल सिब्बल द्वारा शुरू किए गए एक मंच ‘इंसाफ के सिपाही’ का भी उल्लेख किया गया है। शिवसेना (यूबीटी) ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण की भाजपा द्वारा आलोचना किए जाने पर भी सवाल उठाया गया है।
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राहुल गांधी ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है और उनके समेत कई नेताओं की जासूसी करायी जाती है। उसने कहा, ‘‘अगर उन्होंने देश को बदनाम किया तो फिर यह पूछने की जरूरत है कि क्या नरेंद्र मोदी द्वारा विदेश की उनकी पूर्व की यात्राओं के दौरान दिए गए भाषणों में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और उनकी सरकारों के खिलाफ किए गए दावों से देश की बदनामी नहीं हुई?’’ पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दबाए जा रहे हैं।
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