आतंक के साए से बाहर निकल रहा कश्मीर, 31 साल बाद खुला श्रीनगर का प्राचीन शीतल नाथ मंदिर
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब घाटी में हालात सामान्य हो रहे है तो ऐसे में हब्बा कदल इलाके में स्थित इस मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए फिर से खोल दिए गए है।
अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद से जम्मू कश्मीर में परिवर्तन साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। इस बात की गवाही श्रीनगर का शीतल नाथ मंदिर भी दे रहा है। दरअसल, श्रीनगर स्थित शीतलनाथ मंदिर 31 साल की लंबी अवधि के बाद से फिर से खुल गया है। बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर इस मंदिर को खोला गया और विशेष पूजा भी आयोजित की गई। खास बात यह है कि इस मंदिर को खोलने में स्थानीय लोग, खासतौर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों से काफी सहयोग मिला। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब घाटी में हालात सामान्य हो रहे है तो ऐसे में हब्बा कदल इलाके में स्थित इस मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए फिर से खोल दिए गए है।
बसंत पंचमी के अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना करने के बाद एक श्रद्धालु ने बताया कि उन्हें यहां पूजा अर्चना करने में कोई दिक्कत नहीं हुई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काफी सहयोग किया। दरअसल, घाटी में बढ़ते आतंकवाद को देखते हुए इस मंदिर को बंद कर दिया गया था। मंदिर को बंद करने का सबसे बड़ा कारण यह भी था कि वहां हिंदू विरोधी माहौल लगातार बन रहे थे। हालांकि, अनुच्छेद 370 के हटने के बाद अब हालात सामान्य होते दिख रहे है। कश्मीर में आतंकवाद की घटनाएं भी कम हो रही है। यही कारण है कि अब मुस्लिम समुदाय के लोग भी हिंदुओं का दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं।Jammu and Kashmir: Shital Nath temple in Habba Kadal area of Srinagar reopened after 31 years on the occasion of Basant Panchami yesterday.
— ANI (@ANI) February 16, 2021
"The temple was closed due to militancy and outmigration of Hindus. Today, we decided to offer puja here," a devote said. pic.twitter.com/iLkdtRC3Qh
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एक श्रद्धालु ने बताया कि स्थानीय लोग ना सिर्फ मंदिर को खोलने में अपनी अहम भूमिका निभाई बल्कि लोगों ने पूजा की सामग्री भी मुहैया कराई। मंदिर के साफ सफाई में भी इन्होंने अहम भूमिका निभाई। बसंत पंचमी के अवसर पर हर साल बाबा शीतल नाथ भैरव के मंदिर में धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती है। हर साल पूजा होती थी लेकिन बंद मंदिर की। इस साल इसे खोला गया है। यही कारण रहा कि इस साल का बसंत पंचमी यहां के लिए कुछ खास रहा। प्रशासन की ओर से भी लोगों को सहयोग किया जा रहा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खत्म होने की घोषणा की थी। हाल में ही संसद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया था कि 2019 से घाटी में 157 आतंकवादी मारे गए हैं जबकि 2020 में यह संख्या बढ़कर 221 हो गई थी।
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