Shiv Sena (UBT) नेता अनिल परब का सहयोगी ईडी की हिरासत में; खुद को बलि का बकरा बताया

Anil Parab
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महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के दापोली में स्थित एक रिसॉर्ट से जुड़े धन शोधन के कथित मामले में कदम को गिरफ्तार किया गया है। केन्द्रीय एजेंसी द्वारा शुक्रवार की रात गिरफ्तार किए गए कदम ने अदालत में दावा किया कि ‘‘ईडी किसी और पर निशाना साधने के लिए सिर्फ उनके कंधे पर बंदूक रख रही है।’’

शिवसेना (यूबीटी) के नेता अनिल परब के करीबी माने जाने वाले सदानंद कदम को उनकी गिरफ्तारी के एक दिन बाद शनिवार को यहां स्थित एक विशेष अदालत ने 15 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है। महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के दापोली में स्थित एक रिसॉर्ट से जुड़े धन शोधन के कथित मामले में कदम को गिरफ्तार किया गया है। केन्द्रीय एजेंसी द्वारा शुक्रवार की रात गिरफ्तार किए गए कदम ने अदालत में दावा किया कि ‘‘ईडी किसी और पर निशाना साधने के लिए सिर्फ उनके कंधे पर बंदूक रख रही है।’’

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व पूर्व मंत्री परब तथा अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज धन शोधन के 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के मामले में रत्नागिरि के दापोली में स्थित साईं रिसॉर्ट को इस साल जनवरी में जब्त किया था। धन शोधन का यह मामला रिसॉर्ट निर्माण के दौरान तटवर्ती नियमन जोन के प्रावधानों के कथित उल्लंघन से जुड़ा हुआ है। ईडी ने मुंबई के केबल ऑपरेटर कदम को शुक्रवार को गिरफ्तार किया और विशेष अवकाश न्यायाधीश एस. एम. टापकिरे की अदालत में पेश किया।

अदालत ने कदम को 15 मार्च तक, पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। धन शोधन का यह मामला अनिल परब, साई रिसॉर्ट, सी कोंच रिसॉर्ट और अन्य के खिलाफ केन्द्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण (संरक्षण) कानून के उल्लंघन के संबंध में दर्ज करायी गयी शिकायत और पूर्व मंत्री परब एवं अन्य लोगों के खिलाफ ‘‘महाराष्ट्र सरकार को धोखा देने और राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाने’’ के पुलिस में दर्ज मामले से जुड़ा हुआ है। ईडी ने पहले दावा किया था कि पीएमएलए के तहत हुए इस अपराध से 10.2 करोड़ रुपये की कमायी हुई है।

ईडी ने कदम को 14 दिनों की हिरासत में देने का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि अपराध से होने वाला लाभ लेने वालों में वह अग्रणी था और उसमें पूरे मामले में मुख्य भूमिका निभायी है। वहीं, कदम के वकील निरंजन मुंदेर्गी ने हिरासत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी ‘‘कदम के कंधे पर बंदूक रखकर किसी और पर निशाना साध रही है।’’

उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या पर्यावरण (संरक्षण) कानून के तहत प्रारंभिक अपराध के लिए पीएमएलए के प्रावधानों में मामला दर्ज किया जा सकता है। वकील ने कहा, ‘‘राजनीतिक लाभ कमाना है। वे बस कहीं पहुंचना चाहते हैं, मैं तो बस सीढी हूं... कदम बलि का बकरा हैं... किसी और पर निशाना साधने के लिए ईडी के लिए बस एक कंधा हूं।’’ अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कदम को ईडी की हिरासत में भेज दिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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