स्कूल बंद करने का मामलाः पटना के जिलाधिकारी ने मुख्य सचिव से हस्तक्षेप की मांग की

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छात्र के परिवार के सदस्यों ने बताया कि घर पहुंचने पर कथित तौर पर उसकी मृत्यु हो गई। हालांकि, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ए प्रणव कुमार ने ऐसी किसी घटना की जानकारी से इनकार किया। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि जिले में शीतलहर के कारण लोगों को घर पर रहने और बच्चों को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह ने बुधवार को बिहार के मुख्य सचिव से शिक्षा विभाग के ‘‘अंतहीन पत्राचार’’ को लेकर की शिकायत की। शिक्षा विभाग के पत्र में शीत लहर के मद्देनजर पटना में स्कूलों को बंद करने पर आपत्ति जताई गई थी। सिंह ने माध्यमिक शिक्षा के निदेशक के पत्र का कड़ा जवाब देने के दो दिन बाद मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को एक पत्र लिखा है। इन पत्रों का आदान-प्रदान उस दिन हुआ जब राज्य की राजधानी से पटना से बमुश्किल 70 किलोमीटर दूर मुजफ्फरपुर जिले में 10 साल के एक स्कूली लड़के की मौत हो गई जिसके लिए परिवार के सदस्यों ने सर्द मौसम को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की। बच्चे की पहचान मुजफ्फरपुर के बोचहां स्थित उत्क्रमित राजकीय मध्य विद्यालय मझौली के छठी कक्षा के छात्र मोहम्मद कुर्बान के रूप में की गई।

पटना के जिलाधिकारी ने मंगलवार को आदेश दिया कि जिले में भीषण ठंड की स्थिति के कारण राजधानी में प्राथमिक स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र और कोचिंग सेंटर सहित कक्षा आठवीं तक के सभी निजी और सरकारी स्कूल बृहस्पतिवार तक अगले दो दिनों के लिए बंद रहेंगे। बुधवार को पटना का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि अधिकतम तापमान 13.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। चन्द्रशेखर सिंह ने मंगलवार शाम जारी अपने आदेश में कहा, ‘‘आदेश का कोई भी उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंड का भागी होगा।’’ जिलाधिकारी ने अपने पिछले पत्र में विभाग को पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि आठवीं तक की कक्षाओं को निलंबित करने से संबंधित आदेश दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत जिला दंडाधिकारी, पटना की अदालत द्वारा पारित किया गया था।

ऐसा आदेश पारित करने से पहले संबंधित विभाग से अनुमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है। पटना के जिलाधिकारी के मंगलवार के आदेश और उनके पिछले आदेश से नाराज राज्य शिक्षा विभाग के निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने मंगलवार को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा, ‘‘जिन परिस्थितियों में केवल स्कूल को बंद करने का आदेश जारी किया गया उसकी व्याख्या की जानी चाहिए थी।’’ निदेशक ने 23 जनवरी के अपने पत्र में कहा था कि जिलाधिकारी ने आठवीं तक की कक्षाओं को निलंबित करने का आदेश देने से पहले राज्य शिक्षा विभाग से अनुमति नहीं ली थी। श्रीवास्तव ने अपने पत्र में कहा था कि विभाग पटना के जिलाधिकारी से जवाब प्राप्त होने के बाद कानूनी राय लेगा। पटना के जिलाधिकारी ने बुधवार को बिहार के मुख्य सचिव से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए उनको लिखे पत्र में कहा, ‘‘बेहतर प्रशासनिक कार्यप्रणाली के लिए सरकार के दो अंगों के बीच पत्रों के निरंतर आदान-प्रदान को रोका जाना चाहिए।

प्रशासन के प्रत्येक अंग की भूमिका और कार्यक्षमता को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है... और इसका सम्मान किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और उचित समाधान निकालना चाहिए। इस बीच, मुजफ्फरपुर जिले में एक स्कूली छात्र की मौत हो गई जिसके लिए परिवार के सदस्यों ने सर्द मौसम को जिम्मेदार ठहराया। ग्रामीणों के अनुसार बुधवार को जब बालक स्कूल आया तो अत्यधिक ठंड के कारण कांप रहा था। उसे तुरंत स्कूल से उसके घर भेज दिया गया। छात्र के परिवार के सदस्यों ने बताया कि घर पहुंचने पर कथित तौर पर उसकी मृत्यु हो गई। हालांकि, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ए प्रणव कुमार ने ऐसी किसी घटना की जानकारी से इनकार किया। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि जिले में शीतलहर के कारण लोगों को घर पर रहने और बच्चों को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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