समाजवादी पार्टी की किसान यात्रा जारी, सरकार पर लगाया उत्पीड़न का आरोप
उनके अनुसार किसान यात्रा के ही दौरान वाराणसी महानगर के अध्यक्ष विष्णु शर्मा, कामेश्वर दीक्षित उर्फ किशन दीक्षित सहित लगभग 15 कार्यकर्ताओं को जेल भेज दिया गया जबकि पूर्व विधायक सुधाकर सिंह सहित समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ता मऊ जेल में बंद है, जिन्हें आज तक रिहा नहीं किया गया है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 12, 2020समाजवादी कार्यकर्ताओं ने पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर तथा बैलगाड़ी से अपने जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में किसान यात्राएं निकाली और लोगों को समाजवादी पार्टी की नीतियों से अवगत कराने के साथ किसानों की मांगों के प्रति समर्थन का भी भरोसा दिलाया। पार्टी का आरोप है कि जिला प्रशासन किसान यात्रा में शामिल नेताओं के घर दबिश डालने के साथ गिरफ्तारी कर रहा है। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के अनुसार शनिवार को विभिन्न स्थानों पर पदयात्रा, साइकिल यात्रा तथा मोटर साइकिल यात्रा निकाली गयी। सपा प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी द्वारा शांतिपूर्ण चलाये जा रहे किसान यात्रा को जिला एवं पुलिस प्रशासन बल प्रयोग कर बंद कराना चाहता है और ये सारी हरकतें भाजपा सरकार के कहने पर हो रही है। उनके अनुसार किसान यात्रा के ही दौरान वाराणसी महानगर के अध्यक्ष विष्णु शर्मा, कामेश्वर दीक्षित उर्फ किशन दीक्षित सहित लगभग 15 कार्यकर्ताओं को जेल भेज दिया गया जबकि पूर्व विधायक सुधाकर सिंह सहित समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ता मऊ जेल में बंद है, जिन्हें आज तक रिहा नहीं किया गया है।
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उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की गांव-गांव किसान यात्रा 13 दिसम्बर तक यथावत जारी रहेगी और14 दिसम्बर को किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी द्वारा प्रत्येक जिला मुख्यालय पर धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। गोंडा से मिली खबर के अनुसार पूर्व मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह तथा योगेश प्रताप सिंह शनिवार को अपने-अपने क्षेत्रों में किसान पद यात्रा निकालने की तैयारी कर रहे थे। इससे पूर्व ही उनके घरों पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया और उनको घर से बाहर न निकलने के लिए कहा। इस बीच जिला मुख्यालय स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक महेन्द्र कुमार ने ’पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कोरोना संकट तथा जनपद में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार का जुलूस नहीं निकाला जा सकता। उन्होंने बताया कि नेताओं ने इसके लिए कोई अनुमति नहीं ले रखी थी, इसके बावजूद जुलूस निकालने पर अड़े थे, परिणाम स्वरूप पुलिस को उनके घरों पर नजर बंद करना पड़ा।
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