राहुल गांधी बोले- 2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था, भाजपा का पलटवार
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने से पहले लिंचिंग शब्द सुनने में नहीं आता था। उन्होंने ‘थैंक्यू मोदी जी’ हैशटैग के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमला किया है। पंजाब और कुछ अन्य जगहों पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर कथित तौर पर मार डालने (लिंचिंग) की हालिया घटनाओं की के संदर्भ में उन्होंने ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने से पहले लिंचिंग शब्द सुनने में नहीं आता था। उन्होंने ‘थैंक्यू मोदी जी’ हैशटैग के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था।’’
भाजपा का पलटवारMeet Rajiv Gandhi, father of mob lynching, justifying blood curdling genocide of Sikhs. Congress took to streets, raised slogans like ‘khoon ka badla khoon se lenge', raped women, wrapped burning tyres around necks of Sikh men while dogs gorged on charred bodies dumped in drains. https://t.co/LFAoAgIGVl pic.twitter.com/ntNovHNF3W
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 21, 2021
राहुल के इस आरोप के बाद भाजपा उन पर पलटवार कर रही है। भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने राजीव गांधी को मॉब लिंचिंग का जनक बताया। अपने ट्वीट में अमित मालवीय ने लिखा कि राजीव गांधी तो मॉब लिंचिंग के जनक थे जिन्होंने सिखों के खून से लथपथ नरसंहार को सही ठहराया था। इसके साथ ही अमित मालवीय ने दावा किया कि कांग्रेस के कई नेता सड़कों पर उतरे और खून का बदला खून से लेंगे जैसे नारे लगाए। महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया, सिख पुरुषों के गले में जलते टायर लपेटे गए जबकि कुत्तों को नाले में फेंके गए जले हुए शवों के पास ले जाया गया।
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इससे पहले भी लिंचिंग को लेकर जिस तरीके से विपक्ष और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार चलता रहता है। उससे आने वाले दिनों में राजनीतिक घमासान और भी देखने को मिल सकते हैं। गौरतलब है कि गत रविवार को पंजाब के कपूरथला के निजामपुर गांव में एक गुरुद्वारा में सिख धर्म के ‘निशान साहिब’ (ध्वज) का अनादर करने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति को भीड़ ने पीट-पीटकर कथित तौर पर मार डाला। इससे पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार को कथित बेअदबी को लेकर भीड़ ने एक अन्य व्यक्ति की पीट-पीट कर कथित तौर पर जान ले ली थी।
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