नवजोत सिंह सिद्धू माता वैष्णो देवी के दरबार में नतमस्तक हुए
अपनी वैष्णो देवी यात्रा के बारे में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा है कि माता वैष्णो देवी जाते हुए... माँ के अनन्त आशीर्वाद ने हमेशा मुझे नेक मार्ग पर सुरक्षित रखा है... माँ के चरण कमलों में आशीर्वाद के लिए... दुष्टों का नाश करो, पंजाब का कल्याण करो।। सत्य धर्म की स्थापना करो
वैष्णो देवी । पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू माता वैष्णो देवी के दरबार में नतमस्तक होने पहुंचे। सिद्धू ने माता वैष्णो देवी जी के चरणो में नतमस्तक होते हुए अपनी जीत के लिए दुआ मांगी व विश्व में अमन शांति व सरबत दे भले की अरदास की।
अपनी वैष्णो देवी यात्रा के बारे में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा है कि माता वैष्णो देवी जाते हुए... माँ के अनन्त आशीर्वाद ने हमेशा मुझे नेक मार्ग पर सुरक्षित रखा है... माँ के चरण कमलों में आशीर्वाद के लिए... दुष्टों का नाश करो, पंजाब का कल्याण करो।। सत्य धर्म की स्थापना करो... माता वैष्णो देवी के रास्ते में... दिव्य माँ की अनन्त कृपा ने इस धर्म पथ पर सदैव मेरी रक्षा की है... आशीर्वाद के लिए उसके चरण कमलों में... दुश्तां दा विनाश कर, पंजाब दा कल्याण कर... सच धरम दी सथापना कर ।
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अमृतसर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से शिरोमणि अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया के चुनावी मैदान में उतरने से उनको कड़ी चुनौती मिल रही है। नवजोत सिंह सिद्धू का विक्रम सिंह मजीठिया से कड़ा चुनावी मुकाबला होने जा रहा है । सिद्धू व मजीठिया के लिए यह चुनाव वकार का चुनाव बन गया है । मजीठिया ने कहा था यह चुनाव आर पार की लड़ाई है । सिद्धू ने मजीठिया को चुनौती दी थी कि अगर उनमें हिम्मत है तो मजीठिया अपनी परंपरागत सीट मजीठा छोड़कर सिर्फ पूर्वी हल्के से चुनाव लड़े। मजीठिया ने सिद्धू की चुनौती को स्वीकार करते हुए मजीठा की सीट को अलविदा कहकर अपनी पत्नी गुनीव कौर को चुनाव मैदान में खड़ा कर दिया।
मजीठिया ने कांग्रेस के बैंक वोट में सेंधमारी शुरू कर दी है। कई असन्तुष्ठ कांग्रेसी नेता कांग्रेस को छोड़ शिरोमणी अकाली दल में शामिल हो रहे हैं । आगामी दिनों में भी कई कांग्रेसी नेता शिरोमणि अकाली दल में शामिल होने के लिए तैयार बैठे हुए हैं जो सिद्धू के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं । क्षेत्र के लोग भी सिद्धू से खफा दिखाई दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि सिद्धू ने अपने हलके की अवहेलना करके कभी भी सुध नहीं ली। मजीठिया कि दिनोंदिन स्थिति मजबूत होती जा रही है ।अगर समय रहते सिद्धू ने नाराज कांग्रेसियों को राजी नही किया तो उनके लिए बहुत दिक्कते होगी। नाराज कांग्रेसियों द्वारा भीतरधात किए जाने की संभावनाए बन रही है। जिसका सीधा फायदा विक्रम सिंह मजीठिया, आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी जीवनजोत कौर व भाजपा के प्रत्याशी स.जगमोहन सिंह राजू ( पूर्व आई.आर.एस अधिकारी ) के पक्ष मे होगा ।
नवजोत सिंह सिद्धू के लिए नई मुसीबत आन पड़ी है। कुछ साल पहले उनके खिलाफ बंद हुआ रोड रेज केस फिर से खुल गया है। सुप्रीम कोर्ट रोड रोज मामले में फिर से सुनवाई शुरू करने जा रहा है। जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की स्पेशल बेंच गुरुवार शाम 3.30 बजे सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट पीड़ित परिवार की याचिका पर सुनवाई करेगा। इससे पहले 15 मई, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में मात्र 1,000 रुपये के जुर्माने के साथ छोड़ दिया था। इसमें पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। पंजाब और हरियाणा एचसी ने सिद्धू को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए दोषी ठहराया था और उन्हें 3 साल की जेल की सजा सुनाई थी, लेकिन SC ने उन्हें 30 साल से अधिक पुरानी घटना बताते हुए 1000 जुर्माने पर छोड़ दिया था।
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