Nuh Violence के पीछे Haryana Police को मिले Congress MLA Mamman Khan का हाथ होने के सबूत
हरियाणा सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय को बताया था कि नूंह हिंसा के बाद दर्ज प्राथमिकी में कांग्रेस विधायक मामन खान को भी आरोपी बनाया गया है। सरकार ने यह भी दावा किया कि इस कदम का समर्थन करने के लिए पुलिस के पास फोन कॉल रिकॉर्ड और अन्य सबूत हैं।
हरियाणा का नूंह जिला एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल 31 जुलाई को हुई हिंसा के संबंध में कांग्रेस विधायक मामन खान की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद राज्य सरकार ने दो दिन के लिए मोबाइल इंटरनेट और बड़ी संख्या में एसएमएस भेजने की सेवा को निलंबित करने का आदेश दिया है। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन प्रसाद द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया, 'हरियाणा राज्य के नूंह जिले में शांति एवं सौहार्द में किसी भी प्रकार के खलल को रोकने के लिए यह आदेश जारी किया गया है, जो 15 सितंबर पूर्वाह्न 10 बजे से 16 सितंबर रात 11 बजकर 59 मिनट तक प्रभावी रहेगा।' प्रसाद ने कहा, '14 सितंबर को नूंह के उपायुक्त के अनुरोध के जरिए मेरे संज्ञान में यह बात लाई गई कि जिले में तनाव, आंदोलन, सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने और शांति एवं सौहार्द को भंग किए जाने का खतरा है।' हम आपको बता दें कि हरियाणा पुलिस ने बताया है कि नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के बाद फिरोजपुर झिरका के विधायक मामन खान को प्राथमिकी में आरोपी नामित किया गया है। उन्हें देर रात गिरफ्तार किया गया। मामन खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे नूंह जिले में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है इसके अलावा अदालत परिसर में और उसके आस-पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस बीच, नूंह के डीसी धीरेंद्र खडगटा ने कहा है कि सबूतों के आधार पर विधायक की गिरफ्तारी की गयी है। उन्होंने कहा कि अब तक 60 FIR दर्ज़ की गयी हैं और 330 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया से हिंसा भड़काने को लेकर 11 लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज़ हुए हैं और 5 लोग गिरफ्तार हुए हैं। उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया है कि कुछ यूट्यूब और टेलीग्राग चैनल ऐसे हैं जिनका कनेक्शन सीमा पार (पाकिस्तान) से है।
हम आपको यह भी बता दें कि हरियाणा सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय को बताया था कि नूंह हिंसा के बाद दर्ज प्राथमिकी में कांग्रेस विधायक मामन खान को भी आरोपी बनाया गया है। सरकार ने यह भी दावा किया कि इस कदम का समर्थन करने के लिए पुलिस के पास फोन कॉल रिकॉर्ड और अन्य सबूत हैं। हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सभरवाल ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया था कि मामन खान के खिलाफ सबूतों का ‘‘उचित मूल्यांकन’’ करने के बाद उन्हें चार सितंबर को आरोपी बनाया गया था। बाद में दीपक सभरवाल ने संवाददाताओं से कहा कि मामन खान के खिलाफ ‘‘पर्याप्त सबूत’’ हैं।
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हालांकि फिरोजपुर झिरका के विधायक मामन खान ने मंगलवार को अदालत का रुख कर गिरफ्तारी से राहत का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है जबकि हिंसा भड़कने के दिन वह नूंह में थे भी नहीं। विधायक के वकील ने सुनवाई के बाद संवाददाताओं से कहा कि मामन खान को अभी पता चला है कि उनका नाम प्राथमिकी में है। विधायक ने अनुरोध किया कि नूंह में हिंसा से जुड़े सभी मामले एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) को स्थानांतरित कर दिए जाने चाहिए। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि एक एसआईटी पहले ही गठित की जा चुकी है।
हम आपको यह भी बता दें कि इससे पूर्व, विधायक को नूंह पुलिस ने दो बार जांच में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। उन्होंने यह कहते हुए 31 अगस्त के लिए पुलिस समन का पालन नहीं किया कि उन्हें वायरल बुखार है। अपनी याचिका में मामन खान ने कहा कि 26 जुलाई से एक अगस्त तक वह गुरुग्राम स्थित अपने घर पर थे, न कि नूंह में। लेकिन सरकार के वकील ने सुनवाई के बाद कहा कि सबूत खान के दावे के खिलाफ हैं। दीपक सभरवाल ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड, एक फोन टावर के माध्यम से ट्रैक की गई उनकी लोकेशन, विधायक के निजी सुरक्षा अधिकारी का एक बयान और अन्य सबूत, खान के दावे को ‘‘झूठा’’ साबित करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अदालत को बताया गया कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है। प्राथमिकी के 52 आरोपियों में से 42 को गिरफ्तार किया जा चुका है और एक आरोपी नियमित जमानत पर है। अदालत को जांच एजेंसी द्वारा उसके खिलाफ जुटाए गए सभी सबूतों से अवगत कराया गया।’’ इस बीच, फिरोजपुर के डीएसपी ने कहा है कि हमने नूंह में धारा 144 सीआरपीसी लागू कर दी है और हमने लोगों से अपने घरों पर शुक्रवार की नमाज अदा करने का भी अनुरोध किया है।
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