NEET-PG काउंसलिंग के लिए SC से मिली हरी झंडी, इस साल जारी रहेगा OBC और EWS आरक्षण
सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी काउंसलिंग में ईडब्ल्यूएस और ओबीसी आरक्षण को हरी झंडी दिखा दी है। पीठ ने कहा कि आने वाले सालों में ईडब्ल्यूएस के लिए 8 लाख की आय संबंधी मानदंड की वैधता पर निर्णय याचिकाओं पर सुनाई के बाद ही लिया जाएगा। पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच मार्च की तारीख तय की है।
नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नीट पीजी काउंसलिंग में आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को हरी झंडी दिखा दी है। जिसके मुताबिक ओबीसी छात्रों को 27 फीसदी आरक्षण मिलेगा। वहीं, साल 2021-22 में ईडब्लूएस छात्रों के लिए 10 फीसदी आरक्षण प्रभावी रहेगा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा साल 2021-22 के लिए नीट पीजी की काउंसलिंग पहले के मानदंडों के आधार पर ही होगी।
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पीठ ने कहा कि आने वाले सालों में ईडब्ल्यूएस के लिए 8 लाख की आय संबंधी मानदंड की वैधता पर निर्णय याचिकाओं पर सुनाई के बाद ही लिया जाएगा। पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच मार्च की तारीख तय की है।गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसमें मौजूदा अकादमिक वर्ष के लिए नीट-पीजी में चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए दाखिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए केंद्र तथा मेडिकल काउंसिलिंग कमिटी के 29 जुलाई के नोटिस को चुनौती दी गई थी।Supreme Court allows 27% reservation for Other Backward Class (OBC) and 10% for Economically Weaker Section (EWS) category in the All-India Quota (AIQ) seats for admission in the NEET for all medical seats as existing criteria this year.
— ANI (@ANI) January 7, 2022
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नीट-पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी से डॉक्टरों में काफी रोष था और उन्होंने कहा था कि काउंसलिंग शुरू करने की तत्काल आवश्यकता है। पिछले दिनों काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले विभिन्न अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी किया था। जिसकी वजह से ओपीडी सेवाएं प्रभावित भी हुई थीं।
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