पाटीदारों को लुभाने के प्रयास में AAP, हार्दिक पटेल को गुजरात का बना सकते हैं चेहरा
कागवड के खोडलधाम में रविवार को पाटीदार समाज के प्रमुखों की बैठक हुई। जहां पर यह फैसला किया कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री किसी पाटीदार नेता को होना चाहिए।
अहमदाबाद। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल गुजरात दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने बड़ा ऐलान किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी और इसी के साथ ही सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी भाजपा और कांग्रेस को मात देने के लिए पाटीदार समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कागवड के खोडलधाम में रविवार को पाटीदार समाज के प्रमुखों की बैठक हुई। जहां पर यह फैसला किया गया है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री पाटीदार होना चाहिए। यह जानकारी सामने आते ही पाटीदार समुदाय को अपनी तरफ खींचने के लिए पार्टियों ने फार्मूले बनाना शुरू कर दिया है।
हिन्दी समाचार पत्र दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने पाटीदार समुदाय को अपने पक्ष में करने की योजना तैयार कर ली है। कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल को अपना चेहरा बना सकती है।
हार के लिए हार्दिक को मानते हैं दोषी
गुजरात निकाय चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के लिए पार्टी के कई नेता हार्दिक पटेल को जिम्मेदार मानते हैं। ऐसे में अगर अंत:कलह बढ़ता है तो इसका सीधा फायदा आम आदमी पार्टी को होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाटीदारों का मानना है कि भाजपा अब उन्हें कोई विशेष महत्व नहीं देती है। इसी वजह से हार्दिक पटेल के आम आदमी पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
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निकाय चुनाव में AAP का प्रदर्शन बेहतर
सूरत निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है। यहां पर पार्टी ने 27 सीटों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया था जबकि कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। इस चुनाव में पाटीदारों का अहम योगदान रहा है। ऐसे में पाटीदार चाहते हैं कि उनका कोई चेहरा बने और भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही घेरने का काम कर सकें।
अहमदाबाद के एकदिवसीय दौरे के साथ ही केजरीवाल ने मिशन 2022 को ध्यान में रखते हुए पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया। पार्टी ने आक्रामक और सक्रिय युवाओं को अपना चेहरा बनाने का भी विचार किया है। साल 2017 के चुनावों से सीख लेते हुए आम आदमी पार्टी ने जोरो-सोरो के साथ तैयारियां शुरू कर दी हैं।
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