NDA सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बने Kamlesh Paswan, पिता की हत्या के बाद संभाली राजनीतिक विरासत

Kamlesh Paswan
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Anoop Prajapati । Jun 18 2024 8:29PM

बांसगांव सीट से कमलेश पासवान ने रिकॉर्ड चौथी बार जीत दर्ज की है। इसका इनाम उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी पारी में मंत्री के रूप में मिला है। उन्हें सरकार में ग्रामीण विकास मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया है। मंत्री बनाए जाने के बाद कमलेश पासवान के परिजन सहित समर्थकों में खुशी की लहर है।

गोरखपुर लोकसभा की बांसगांव सीट से कमलेश पासवान ने रिकॉर्ड चौथी बार जीत दर्ज की है। इसका इनाम उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी पारी में मंत्री के रूप में मिला है। उन्हें सरकार में ग्रामीण विकास मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया है। मंत्री बनाए जाने के बाद कमलेश पासवान के परिजन सहित समर्थकों में खुशी की लहर है। कमलेश ने 2009 से लेकर 2024 के बीच हुए चार लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर लगातार जीत दर्ज की है। 47 वर्षीय कमलेश पासवान ने प्रारंभिक शिक्षा शिक्षा सेंटपॉल स्कूल से पूरी करने के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई करने के बाद उन्होंने व्यापार के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाने की शुरुआत की।

बांसगांव संसदीय सीट का नाम आते ही दिवंगत महावीर प्रसाद का नाम सबकी जुबां पर आ जाता है। दलित नेता के रूप में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। बांसगांव में महावीर प्रसाद पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने 80, 84 व 89 जीत की हैट्रिक लगाई थी। इसके बाद उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। 2004 में वह एक बार फिर मैदान में कूदे और जीत हासिल की। चार जीत का रिकॉर्ड उनके नाम था, जिसकी बराबरी कमलेश ने कर ली है। साथ ही बांसगांव के इतिहास में पहले नेता बने हैं, जिन्होंने लगातार चार बार जीत हासिल की है।

कमलेश ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2002 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर की और मनीराम से विधायक चुने गए थे। लेकिन बाद में योगी आदित्यनाथ से प्रभावित होकर 2008 में बीजेपी जॉइन की और योगी के समर्थन और मंदिर के आशीर्वाद से 2009 के लोकसभा चुनाव में बांसगांव सुरक्षित सीट से बीजेपी के प्रत्याशी बनाए गए और भरी मतों से जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा 2014, 2019 और अब 2024 में भी लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है। इसका इनाम भी उन्हें मिला और अब मोदी पार्ट 3 में वह मंत्रिमंडल में भी शामिल किए गए हैं।

कमलेश पासवान गोरखपुर के चैनपुर गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता ओमप्रकाश पासवान भी अपने समय में एक कद्दावर और मजबूत नेता के रूप में जाने जाते थे, जो मनीराम विधानसभा से तीन बार विधायक भी रहे। 1996 में चुनावी जनसभा के दौरान पिता की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कमलेश की माता सुभावती पासवान को सपा ने प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने इतिहास रचते हुए जीत दर्ज की क्योंकि यहां पहली बार कोई महिला सांसद चुनी गई थी, जो आज भी रिकॉर्ड है। इसके अलावा कमलेश के छोटे भाई विमलेश पासवान भी बांसगांव विधानसभा सीट से विधायक है।

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