Waqf Amendment Bill Update: वक्फ संशोधन विधेयक को JPC की मंजूरी, होंगे इतने संशोधन

कुछ संशोधनों में जिला मजिस्ट्रेटों के साथ-साथ राज्य सरकार के अधिकारियों को कुछ भूमिकाओं के लिए नियुक्त करने की अनुमति देना और वक्फ ट्रिब्यूनल के सदस्यों को दो से बढ़ाकर तीन सदस्य करना भी शामिल है। खंड-दर-खंड मतदान में सत्तारूढ़ सरकार के 16 सांसदों ने संशोधनों के पक्ष में मतदान किया, जबकि 10 विपक्षी सदस्यों ने उनके खिलाफ मतदान किया। विधेयक के सभी 44 खंडों में शामिल विपक्ष के संशोधन, समान 10:16 बहुमत से पराजित हो गए।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को अपनाया और खंड-दर-खंड चर्चा में विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए हर बदलाव को खारिज कर दिया। संसदीय समिति की अगुवाई कर रहे बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि एनडीए सांसदों की ओर से पेश किए गए 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया जबकि विपक्ष की ओर से पेश किए गए सभी संशोधनों को खारिज कर दिया गया।
इसे भी पढ़ें: Waqf JPC meeting: विपक्षी सांसदों ने स्पीकर को लिखा पत्र, जगदंबिका पाल पर लगाया बड़ा आरोप
कुछ संशोधनों में जिला मजिस्ट्रेटों के साथ-साथ राज्य सरकार के अधिकारियों को कुछ भूमिकाओं के लिए नियुक्त करने की अनुमति देना और वक्फ ट्रिब्यूनल के सदस्यों को दो से बढ़ाकर तीन सदस्य करना भी शामिल है। खंड-दर-खंड मतदान में सत्तारूढ़ सरकार के 16 सांसदों ने संशोधनों के पक्ष में मतदान किया, जबकि 10 विपक्षी सदस्यों ने उनके खिलाफ मतदान किया। विधेयक के सभी 44 खंडों में शामिल विपक्ष के संशोधन, समान 10:16 बहुमत से पराजित हो गए।
इसे भी पढ़ें: JPC को कश्मीर आकर भी लोगों से करनी चाहिए बात, अनुच्छेद 25 का जिक्र करते हुए हुर्रियत नेता मीरवाइज ने वक्फ संशोधन विधेयक पर संसदीय पैनल से क्या कहा?
जेपीसी ने घोषणा की कि मसौदा रिपोर्ट 28 जनवरी तक प्रसारित की जाएगी और फिर 29 जनवरी को औपचारिक रूप से अपनाई जाएगी। विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की आलोचना की और पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को विकृत करने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि यह एक हास्यास्पद अभ्यास था। हमारी बात नहीं सुनी गई। पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है।
अन्य न्यूज़