भारत-पाक दुश्मनी का खामियाजा भुगत रहा जम्मू-कश्मीर, महबूबा मुफ्ती बोलीं- 1966 जैसा हमें करना होगा
महबूबा ने बडगाम में संवाददाताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और गरीब गैर-स्थानीय मजदूरों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी का खामियाजा जम्मू-कश्मीर को भुगतना पड़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच सुलह ही एकमात्र तरीका है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग दोनों देशों की दुश्मनी में फंसे हुए हैं। उनका जीवन और उनकी संपत्ति नष्ट हो रही है क्योंकि दोनों देश एक-दूसरे से लड़ रहे हैं।
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महबूबा ने बडगाम में संवाददाताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और गरीब गैर-स्थानीय मजदूरों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि दुर्भाग्य से, एनडीए सरकार दिन-ब-दिन भारत के संविधान को नष्ट कर रही है। भारत एक संघीय देश है। यहां संघीय ढांचा है। एक राष्ट्र एक चुनाव इस संघीय ढांचे को कमजोर कर रहा है। उन्होंने कहा वे 2047 की बात करते हैं लेकिन आगे बढ़ने के बजाय वे पीछे जा रहे हैं। वे हमें वापस उसी तानाशाही की ओर ले जाना चाहते हैं, जो मेरे हिसाब से बहुत गलत है।'
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पीडीपी जनरल काउंसिल मीटिंग को संबोधित करते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारे पास प्रस्ताव पारित करने के लिए बहुमत नहीं था। इसके बावजूद हमने बिना प्रस्ताव पारित किये स्वराज्य लागू कर दिया। स्व-शासन का अर्थ है कि जम्मू-कश्मीर में वास्तविक स्वतंत्रता होनी चाहिए। यहां मौजूद सभी प्रतिनिधियों को (कम सीटों को लेकर) चिंतित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह टेस्ट है। हम कभी बीजेपी में नहीं गए, उन्होंने अपने महासचिव को हमसे बातचीत करने के लिए भेजा। अगर हम जम्मू-कश्मीर को रेत से बाहर निकालना चाहते हैं, तो हमें ठीक उसी तरह काम करना होगा जैसे हमने 1966 में किया था।
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