भारतीय संविधान न सिर्फ सबसे बड़ा है, बल्कि दुनिया का सबसे खूबसूरत भी है, लोकसभा में बोले किरेन रिजिजू

Kiren Rijiju
ANI
अंकित सिंह । Dec 14 2024 11:51AM

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद संविधान की भावना को बरकरार रखा और इसके प्रमुख पहलुओं के आसपास योजनाएं लागू कीं।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारतीय संविधान न सिर्फ सबसे बड़ा है, बल्कि दुनिया का सबसे खूबसूरत संविधान भी है। लोकसभा में संविधान पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि हमारे शब्दों और कार्यों से भारत की छवि खराब नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान की भावना के अनुरूप एक आदिवासी महिला हमारे देश की राष्ट्रपति बनीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद संविधान की भावना को बरकरार रखा और इसके प्रमुख पहलुओं के आसपास योजनाएं लागू कीं।

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किरेन रिजिजू ने कहा कि भारतीय संविधान दुनिया के सभी संविधानों में सबसे समावेशी है। उन्होंने कहा कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपनी धार्मिक प्रथाओं का पालन करने की अनुमति देता है और प्रत्येक नागरिक को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है। रिजिजू ने कहा कि संविधान की विभिन्न धाराएं अल्पसंख्यकों को भी समान अधिकारों का आनंद लेने में सक्षम बनाती हैं। रिजिजू ने कहा कि भारतीय संविधान न सिर्फ सबसे बड़ा है, बल्कि दुनिया का सबसे खूबसूरत संविधान भी है।

भाजपा नेता ने कहा कि मैं ऐसे क्षेत्र से आता हूं जहां मैंने हवाई जहाज पहले देखा है और कारें बाद में क्योंकि मेरे सांसद बनने के बाद ही कारों के लिए सड़कें बनीं। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने मुझे उस स्थान पर बैठने का अवसर दिया जहां बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बैठे थे। जब मैं इस देश का कानून मंत्री बना। कानून मंत्री का पद संभालने से पहले मैंने सबसे पहले यह समझने की कोशिश की कि बाबा साहब अंबेडकर क्या चाहते थे, उनके मन में ऐसी कौन सी बातें और विचार थे जो वे नहीं कर सके। 

उन्होंने कहा कि पहली बात जो मेरे दिमाग में आई वह यह थी कि बाबा साहेब अम्बेडकर इस देश के पहले कानून मंत्री बने लेकिन उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, इस पर अक्सर लोगों के सामने चर्चा नहीं होती। मैंने वह पत्र पढ़ा जो बाबा साहेब अम्बेडकर ने पंडित नेहरू जी को लिखा था, जो प्रधान मंत्री थे। उन्होंने कहा कि एक नैरेटिव रचा जा रहा है। सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस इन यूरोपियन यूनियन के सर्वे के मुताबिक यूरोपियन यूनियन में 48 फीसदी लोग भेदभाव का शिकार हुए हैं। इनमें से अधिकांश इस्लाम को मानने वाले मुसलमान हैं। फ़्रांस में अनेक भेदभाव संबंधी रिपोर्टें प्रस्तुत की गईं। उसमें बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सिर पर स्कार्फ, बुर्का पहनने वालों पर आपत्ति जताई है और कहा है कि यह भेदभाव उनके साथ किया जा रहा है. स्पेन में मुसलमानों के खिलाफ आंतरिक घृणा अपराध की घटनाएं इतनी ज्यादा हैं, इस बात का भी रिपोर्ट में जिक्र किया गया है। 

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आप लोग जानते हैं कि पाकिस्तान का क्या हाल है, बांग्लादेश में क्या होता है, आप लोग जानते हैं कि अफगानिस्तान में सिखों, हिंदुओं, ईसाइयों के साथ क्या हुआ है, तिब्बत हो या म्यांमार, श्रीलंका हो या बांग्लादेश, पाकिस्तान हो या अफगानिस्तान, जुल्म हो तो क्या। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के विरुद्ध या कोई समस्या उत्पन्न होने पर वे सबसे पहले जिस देश में सुरक्षा मांगने आते हैं वह भारत है। फिर ऐसा क्यों कहा जाता है कि इस देश में अल्पसंख्यकों की कोई सुरक्षा नहीं है। मैं कह रहा हूं कि ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचे, मैं ये बात किसी एक पार्टी के लिए नहीं कह रहा हूं। ये मैं देश के लिए कह रहा हूं।

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