भारत ने वजन घटाने वाली दवा Tirzepatide को दी मंजूरी, ऐसे काम करती है ये दवा

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रितिका कमठान । Jul 18 2024 3:12PM

टिर्जेपाटाइड टाइप 2 मधुमेह के प्रबंधन में प्रभावी हो सकता है, फिर भी इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। मौनजारो (टाइप 2 मधुमेह या मधुमेह के लिए टिर्जेपेटाइड) टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों में उपयोग के लिए नहीं है।

भारत के सर्वोच्च औषधि नियामक, केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अधीन विषय विशेषज्ञ समिति ने फार्मास्युटिकल दिग्गज एली लिली के टिर्जेपेटाइड को हरी झंडी दे दी है। यानी अब वजन घटाने वाली ये दवा भारत में बिक सकेगी। ये दवा वेटलॉस के लिए अमेरिका-यूरोप सहित पश्चिमी देशों में ब्लॉक बस्टर दवा के तौर पर बन चुकी है।

पिछले वर्ष वयस्कों में मोटापे से लड़ने वाली इंजेक्शन वाली दवा ज़ेपबाउंड को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने ममंजूरी दी थी। बता दें कि टिर्जेपाटाइड एली लिली एंड कंपनी द्वारा विकसित एक दवाई है। इसका उपयोग मुख्य रूप से टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है। यह मधुमेह के लिए मौनजारो और वजन घटाने के लिए ज़ेपबाउंड ब्रांड नाम से बेचा जाता है।

हालाँकि, भारत में, टिर्जेपेटाइड का आयात और बेचना मधुमेह के लिए किया जाएगा। इसका उपयोग वजन घटाने के लिए नहीं होगा। वहीं इसे लेकर मोटापे के संकेत की समीक्षा की जा रही है। यह एक दोहरा ग्लूकोज-निर्भर इंसुलिनोट्रोपिक पॉलीपेप्टाइड (जीआईपी) और ग्लूकागन-जैसे पेप्टाइड-1 (जीएलपी-1) रिसेप्टर एगोनिस्ट है, जिसका अर्थ है कि यह बल्ड शुगर के लेवल को विनियमित करने में मदद करने के लिए इन स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होने वाले हार्मोनों के प्रभावों की नकल करता है।

टिर्जेपेटाइड भोजन के प्रति प्रतिक्रियास्वरूप अग्न्याशय से इंसुलिन के स्राव को उत्तेजित करता है। इससे खाने के बाद ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद मिलती है। यह ग्लूकागॉन नामक हार्मोन के स्राव को कम करता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाता है। ग्लूकागन का निम्न स्तर यकृत द्वारा ग्लूकोज उत्पादन को कम करने में मदद करता है।

यह पेट को खाली करने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिससे भोजन के बाद रक्तप्रवाह में ग्लूकोज के प्रवेश की दर कम हो जाती है, जिससे भोजन के बाद रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। मस्तिष्क के भूख केंद्रों पर कार्य करके, टिर्जेपेटाइड भूख और भोजन के सेवन को कम करने में मदद कर सकता है, जो वजन घटाने में योगदान दे सकता है। 

यद्यपि टिर्जेपाटाइड टाइप 2 मधुमेह के प्रबंधन में प्रभावी हो सकता है, फिर भी इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। मौनजारो (टाइप 2 मधुमेह या मधुमेह के लिए टिर्जेपेटाइड) टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों में उपयोग के लिए नहीं है। आम दुष्प्रभावों में मतली, दस्त, भूख में कमी, उल्टी, कब्ज, अपच और पेट (उदर) दर्द शामिल हैं। कुछ गंभीर दुष्प्रभावों में अग्न्याशय की सूजन या अग्नाशयशोथ, किसी अन्य दवा के साथ उपयोग किए जाने पर निम्न रक्त शर्करा स्तर, गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाएं, पेट की गंभीर समस्याएं, दृष्टि में परिवर्तन और पित्ताशय की थैली की समस्याएं शामिल हो सकती हैं। कंपनी का कहना है कि यदि कोई दुष्प्रभाव दिखाई दे तो तुरंत अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को बताएं।

कंपनी ने मौनजारो (टिर्जेपाटाइड) के उपयोग से पहले कुछ चेतावनियाँ सूचीबद्ध कीं।

- आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को आपको पहली बार मौनजारो का उपयोग करने से पहले यह बताना चाहिए कि इसका उपयोग कैसे किया जाता है।

- निम्न रक्त शर्करा और इसे प्रबंधित करने के तरीके के बारे में अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें।

- यदि आप मुंह से गर्भनिरोधक गोलियाँ लेते हैं, तो मौनजारो का उपयोग करने से पहले अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें। मौनजारो का उपयोग करते समय गर्भनिरोधक गोलियाँ उतनी अच्छी तरह से काम नहीं कर सकती हैं।

इस वर्ष की शुरुआत में, एली लिली के सीईओ डेविड रिक्स ने रॉयटर्स को बताया था कि कंपनी को उम्मीद है कि नियामक समीक्षा के बाद वह 2025 की शुरुआत में भारत में मौंजारो को लॉन्च कर देगी। 

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