Prabhasakshi NewsRoom: एजेंडा पत्रकारिता करने वाले BBC पर भारत की कार्रवाई से दुनिया हैरान, आयकर विभाग का सर्वे दूसरे दिन भी जारी
जहां तक बीबीसी के खिलाफ चल रहे सर्वे की बात है तो आपको बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि आयकर विभाग के अधिकारी इस मीडिया संगठन के इलेक्ट्रॉनिक एवं कागज आधारित वित्तीय आंकड़ों की प्रतियां बना रहे हैं।
बीबीसी इंडिया के खिलाफ आयकर विभाग का ‘सर्वे ऑपरेशन’ बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी है। इस बीच यह मामला भारत में जहां राजनीतिक बहसबाजी का नया मुद्दा बन गया है वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत विरोधी शक्तियां सक्रिय हो गयी हैं और बीबीसी के खिलाफ की गयी कार्रवाई को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया जा रहा है। वहीं अमेरिका ने इस मुद्दे पर जहां कोई सीधी टिप्पणी करने से इंकार किया है तो दूसरी ओर ब्रिटिश सरकार भी इस मामले पर नजर बनाये हुए है। लेकिन दुनिया एक बात तो देख रही है कि इस विश्व में कोई तो नेता ऐसा है जो दुनिया भर में एजेंडा पत्रकारिता करने वाले बीबीसी पर कार्रवाई करने की हिम्मत रखता है।
जहां तक बीबीसी के खिलाफ चल रहे सर्वे की बात है तो आपको बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि आयकर विभाग के अधिकारी इस मीडिया संगठन के इलेक्ट्रॉनिक एवं कागज आधारित वित्तीय आंकड़ों की प्रतियां बना रहे हैं। हम आपको बता दें कि आयकर विभाग ने कथित कर अपवंचना की जांच के तहत दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों तथा दो अन्य संबंधित स्थानों पर मंगलवार को ‘सर्वे ऑपरेशन’ शुरू किया था। इस घटनाक्रम से अवगत अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि आयकर विभाग के कर्मचारी मंगलवार को सुबह करीब साढ़े 11 बजे बीबीसी के कार्यालय पहुंचे और वे अब भी वहां मौजूद हैं। कर अधिकारी बीबीसी के वित्त और कुछ अन्य विभागों के कर्मचारियों से बात कर रहे हैं, जबकि अन्य कर्मचारियों एवं संवाददाताओं को मंगलवार रात जाने की अनुमति दे दी गई थी। अधिकारियों ने बताया कि कुछ कंप्यूटर और मोबाइल फोन के ‘क्लोन’ बनाए गए हैं। आयकर अधिकारियों ने मंगलवार को कहा था कि यह सर्वे अंतरराष्ट्रीय कराधान और बीबीसी की सहायक कंपनियों के ‘‘ट्रांसफर प्राइसिंग’’ से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए किया गया है। इस कार्रवाई पर आयकर विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
हम आपको यह भी बता दें कि बीबीसी द्वारा दो-भाग वाले वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को प्रसारित किए जाने के कुछ सप्ताह बाद यह औचक कार्रवाई हुई। इस सर्वे को लेकर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच तीखी राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। विपक्ष ने इस कदम की जहां निंदा की, वहीं भाजपा ने बीबीसी पर भारत के खिलाफ ‘‘जहरीली’ रिपोर्टिंग’’ करने का आरोप लगाया है। इस बीच बीबीसी ने कहा कि वह आयकर अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहा है। ‘बीबीसी न्यूज प्रेस टीम’ ने मंगलवार को रात 10 बजकर 26 मिनट पर ट्वीट किया, ‘‘आयकर अधिकारी इस समय नयी दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों में हैं और हम पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह स्थिति जल्द से जल्द सुलझ जाएगी।’’
अंतरराष्ट्रीय मीडिया की प्रतिक्रिया
इस बीच, बीबीसी पर यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां भी बनी हुई है। वैश्विक मीडिया संस्थाओं और मानवाधिकार संगठनों ने नयी दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों पर भारत सरकार के आयकर विभाग के सर्वे की निंदा करते हुए कहा है कि डराने की नीयत से यह कार्रवाई की गई है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का खुला अपमान है। न्यूयॉर्क स्थित स्वतंत्र गैर-लाभकारी संस्था कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने भारत सरकार से पत्रकारों का उत्पीड़न रोकने का आग्रह किया। सीपीजे के एशिया कार्यक्रम के समन्वयक बेह ली यी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना वाले एक वृत्तचित्र के मद्देनजर बीबीसी के भारत कार्यालयों पर छापा मारने से डराने की बू आती है।”
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पेरिस में स्थित संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने ट्वीट किया, “नरेंद्र मोदी के बारे में वृत्तचित्र की सेंसरशिप के तीन सप्ताह बाद भारत में बीबीसी के कार्यालयों पर आयकर अधिकारियों की छापेमारी अपमानजनक प्रतिशोध जाहिर होता है। आरएसएफ किसी भी आलोचना को दबाने के भारत सरकार के इन प्रयासों की निंदा करता है।” एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ट्वीट किया: “ये छापे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का घोर अपमान हैं।” इसके अलावा ब्रिटेन स्थित मानवाधिकार संगठन ‘साउथ एशिया सॉलिडैरिटी ग्रुप’ ने इसे “स्पष्ट रूप से बदले की कार्रवाई” करार दिया। ग्रुप की प्रवक्ता मुक्ति शाह ने कहा, ''वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग पर सरकारी प्रतिबंध के बाद यह छापेमारी स्पष्ट करती है कि मोदी सरकार उन सभी पर हमला करेगी जो नरेंद्र मोदी, भाजपा और उनके करीबी लोगों की आलोचना करते हैं।”
अमेरिका की प्रतिक्रिया
उधर, अमेरिका ने इस मुद्दे पर कहा है कि वह दिल्ली में बीबीसी के कार्यालय पर भारतीय कर प्राधिकारियों द्वारा किए जा रहे ‘सर्वे ऑपरेशन’ से अवगत है, लेकिन वह कोई निर्णय देने की स्थिति में नहीं है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम भारतीय कर अधिकारियों द्वारा दिल्ली में बीबीसी कार्यालयों की तलाशी लिए जाने के बारे में जानते हैं। आपको इस संबंधी जानकारी हासिल करने के लिए भारतीय प्राधिकारियों के पास जाना चाहिए।’’ नेड प्राइस ने कहा, ‘‘हम दुनियाभर में स्वतंत्र प्रेस की महत्ता का समर्थन करते हैं। हम दुनियाभर में लोकतंत्रों को मजबूत करने में योगदान देने वाले मानवाधिकारों के तौर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धर्म एवं आस्था की स्वतंत्रता की महत्ता पर जोर देते हैं।'' उन्होंने कहा कि ये सार्वभौमिक अधिकार दुनियाभर के लोकतंत्रों का आधार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या यह कदम लोकतंत्र की भावना या मूल्यों के खिलाफ है, प्राइस ने कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं कह सकता। हम इन तलाशियों (सर्वे ऑपरेशन) के तथ्यों से अवगत हैं, लेकिन मैं कोई निर्णय देने की स्थिति में नहीं हूं।’’
सूचना प्रसारण मंत्री का बयान
दूसरी ओर, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और आयकर विभाग उस सर्वेक्षण के बारे में ब्योरा साझा करेगा, जो उसने नयी दिल्ली तथा मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों में किया है। बीबीसी के कार्यालयों पर आयकर विभाग के सर्वेक्षण के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने महाराष्ट्र के कल्याण में संवाददाताओं से कहा, "कोई भी देश के कानून से ऊपर नहीं हो सकता।" उन्होंने कहा कि आयकर विभाग समय-समय पर ऐसी जगहों पर सर्वेक्षण करता है, जहां कुछ अनियमितताएं होती हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा, "जब सर्वेक्षण समाप्त हो जाता है, तो सूचना साझा करने के लिए एक प्रेस नोट जारी किया जाता है या प्रेस वार्ता आयोजित की जाती है। मुझे विश्वास है कि जब आयकर विभाग अपना सर्वेक्षण पूरा करेगा, तो यह आपके साथ विवरण साझा करेगा।"
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