Prabhasakshi NewsRoom: J&K में मिला लिथियम और सोने का विशाल भंडार, भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा ये खजाना

Kashmir
ANI

भारत जिस तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर कदम बढ़ा रहा है और जिस तेजी के साथ यहां इलेक्ट्रिक उपकरणों की मांग तेजी से बढ़ रही है उसको देखते हुए लिथियम बहुत उपयोगी धातु है। लिथियम को एक रेअर अर्थ एलिमेंट माना जाता है और यह दुनिया के कुछ ही देशों में उपलब्ध है।

जम्मू-कश्मीर को भारत माता का मुकुट कहा जाता है और मुकुट स्वर्ण तथा हीरों से जड़ित होता ही है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में जिस तरह लिथियम और सोने के भंडार पाये गये हैं वह दर्शा भी रहे हैं कि भारत माता के इस मुकुट को प्रकृति ने खूब संपदा दी है। हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में करीब 59 लाख टन लिथियम का भंडार और सोने के 5 ब्लॉक मिले हैं। दरअसल लिथियम एक अलौह धातु है और ईवी रिचार्जेबल बैटरी के निर्माण में काम आती है। केवल ईवी बैटरी ही नहीं, बल्कि विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे लैपटॉप, स्मार्टफोन, कैमरा और कई अन्य चीजों में भी बैटरी के लिए लिथियम का ही उपयोग किया जाता है।

भारत जिस तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर कदम बढ़ा रहा है और जिस तेजी के साथ यहां इलेक्ट्रिक उपकरणों की मांग बढ़ रही है उसको देखते हुए लिथियम बहुत उपयोगी धातु है। लिथियम को एक रेअर अर्थ एलिमेंट माना जाता है और यह दुनिया के कुछ ही देशों में उपलब्ध है। अभी भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है। भारत में लिथियम की मांग कितनी है आप इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि साल 2020 में भारत लिथियम आयात करने के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर रहा था। आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में भारत अपनी लिथियम-ऑयन बैटरियों का लगभग 80% चीन से आयात करता है।

दूसरी आरे, इस भंडार के मिलने के बाद रियासी के स्थानीय लोगों ने खुशी जताई है क्योंकि इससे घाटी में बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा। इसके साथ ही रियासी जिले के अधिकारी और जम्मू-कश्मीर खनन विभाग के सचिव ने भी इस भंडार के मिलने पर खुशी जताते हुए कहा है कि यह भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा।

हम आपको यह भी बता दें कि 62वीं सेंट्रल जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड (सीजीपीबी) की बैठक के दौरान खान मंत्रालय को जो रिपोर्ट सौंपी गयी है उसमें बताया गया है कि देश के विभिन्न भागों में मिले 51 खनिज ब्लॉकों में से पांच ब्लॉक सोने से संबंधित हैं और अन्य ब्लॉक पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल आदि वस्तुओं से संबंधित हैं। यह सभी खनिज ब्लॉक जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना में मिले हैं।

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