Karnataka Elections: कर्नाटक में कांग्रेस के लिए संकट मोचक बने डीके शिवकुमार, BJP को नहीं मिला बजरंग बली का आशीर्वाद
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। तमाम मुद्दों पर घिरने के बाद भी कांग्रेस राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बना रही है। वहीं डीके शिवकुमार पार्टी के संकटमोचक बनकर उभरे हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजों में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बना रही है। इस चुनाव में डीके शिवकुमार पार्टी के संकट मोटक बन उभरे हैं। बता दें कि कनकपुरा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस बीच कांटे की टक्कर थी। कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने बीजेपी के आर अशोक को जबरदस्त शिकस्त दी है। जहां डीके शिवकुमार ने 50,484 वोट हासिल किए तो वहीं आर अशोक को सिर्फ 8,530 वोट मिले। इस सीट पर वोक्कालिगा समुदाय का प्रभाव ज्यादा है। सात बार के विधायक रहे डीके शिवकुमार को कड़ी टक्कर देने के लिए भाजपा ने वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले आर अशोक को उनके सामने खड़ा किया था।
किंगमेकर नहीं बन पाए कुमारस्वामी
दक्षिण का द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक विधानसभा के नतीजों को कांग्रेस संजीवनी के तौर पर देख रही है। यहां से बीजेपी को करारा झटका लगा है। दक्षिण राज्यों की बात करें तो कर्नाटक में ही भाजपा की सरकार थी। ऐसे में बीजेपी के लिए यह जीत काफी अहम मानी जा रही थी। जहां बीजेपी ने येदियुरप्पा पर भरोसा जताया तो वहीं कांग्रेस ने डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया को पार्टी के खेवनहार के रूप में देख रही है। वहीं जेडीएस के कुमारस्वामी खुद को किंगमेकर की भूमिका में बता रहे थे। लेकिन दोनों दलों को पीछे छोड़कर कांग्रेस पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है।
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अपराजेय रहे डीके शिवकुमार
कनकपुरा सीट पर डीके शिवकुमार लगातार 7 बार विधायक रहे हैं। इसी कारण उनको 'कनकपुरा रॉक' नाम से भी जाना जाता है। अगर साल 2018 की बात करें तो डीके शिवकुमार ने जेडीएस के नारायण गौड़ा को करारी शिकस्त दी थी। वहीं इस बार उनके सामने आर के अशोक खड़े थे। जिसके बाद से यह मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया था।
बीते 10 मई को राज्य में मतदान हुए थे। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि कर्नाटक में हर बार सत्ता परिवर्तन होता है। ऐसे में अगर इस चुनाव में भाजपा फिर से सत्ता में आने में कामयाब होती तो पार्टी के नाम यह रिकॉर्ड बन जाता।
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