सेवा के लिए समर्पित है डायल 100, फिर भी फेक कॉल और फर्जी शिकायत से है परेशान
डायल 100 पर हजारों की संख्या में कॉल आते हैं इसमें से 70 फीसदी के करीब या तो फैक होते है। डायल 100 के कॉल सेंटर पर कार्यरत जितेंन्द्र मिश्रा ने कहा कि रात को जो कॉल आते हैं उसमें लोग शराब पीकर फोन लगाते हैं और अपशब्द बोलते हैं जिसे हमें सुनना पड़ता है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में डायल 100 किसी फरिश्ते से कम नहीं है। डायल 100 उन कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है जिनके पास डायल 100 की जिम्मेदारी है। डायल 100 पर जो फोन आते है उसमें से अधिकतर फर्जी होता हैं। साथ ही सामने वाले कॉलर कर्मचारी को अपशब्द भी कहते हैं।
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आपको बता दें कि डायल 100 पर हजारों की संख्या में कॉल आते हैं इसमें से 70 फीसदी के करीब या तो फैक होते है। डायल 100 के कॉल सेंटर पर कार्यरत जितेंन्द्र मिश्रा ने कहा कि रात को जो कॉल आते हैं उसमें लोग शराब पीकर फोन लगाते हैं और अपशब्द बोलते हैं जिसे हमें सुनना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि कई शिकायत तो ऐसे भी आती है जब डायल 100 मौके पर पहुंचती है शिकायकर्ता का मोबाइल बंद मिलता है। इससे समय के साथ डीजल की भी बर्बादी होती है।
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आपको बता दें कि राज्य सरकार ने 2015 में डायल 100 की शुरूआत की थी। बीते 5 साल में लाखों लोगों की मदद पहुंचा चुकी है। प्रदेश में 1 हजार के करीब डायल 100 की गाडियां है। 1 नवंबर 2015 से दिसंबर 2021 तक 6 करोड़ से ज्यादा मदद की सूचनाएं पहुंची है।
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