केरल में एचआईवी संक्रमितों की संख्या कम होने के बावजूद संक्रमण की आशंका अधिक : Vijayan
पिनराई विजयन ने कहा कि दक्षिणी राज्य में एचआईवी प्रभावित व्यक्तियों का घनत्व कम है, लेकिन यहां संक्रमण की संभावना बहुत अधिक है। विजयन ने ‘विश्व एड्स दिवस’ के अवसर पर फेसबुक पर एक ‘पोस्ट’ में कहा है कि रोग रोकथाम गतिविधियां और जागरूकता कार्यक्रमों का बहुत महत्व है ।
तिरुवनंतपुरम । केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि दक्षिणी राज्य में एचआईवी प्रभावित व्यक्तियों का घनत्व कम है, लेकिन यहां संक्रमण की संभावना बहुत अधिक है। विजयन ने ‘विश्व एड्स दिवस’ के अवसर पर फेसबुक पर एक ‘पोस्ट’ में कहा कि रोग रोकथाम गतिविधियां और जागरूकता कार्यक्रमों का बहुत महत्व है और राज्य सरकार इस रोग को दूर रखने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन दुनिया भर में एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के पुनर्वास में जन भागीदारी सुनिश्चित करने और बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने की याद दिलाता है।
उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार, ऐसी स्थिति बनाना आवश्यक है, जहां 2030 तक बीमारी के नये मामले न हों। उन्होंने कहा कि केरल इस लक्ष्य को बहुत पहले ही हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार इसके तहत ‘‘ओन्नायी पूजायथिलेक्क’’ (जिसका मोटे तौर पर अनुवाद एक साथ शून्य है) अभियान के माध्यम से व्यापक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम 2025 तक 95:95:95 के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। इसका पहला भाग प्रभावित व्यक्तियों को उनकी स्थिति का एहसास कराना है।’’
उन्होंने कहा कि दूसरा लक्ष्य एचआईवी संक्रमित पाए गए लोगों में से 95 प्रतिशत के लिए ‘एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी’ (एआरटी) उपचार सुनिश्चित करना है और तीसरा लक्ष्य उनके बीच वायरस के प्रसार को नियंत्रित करना है। उन्होंने 2024 के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि केरल पहले ही दूसरे और तीसरे लक्ष्य को हासिल कर चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य व्यापक परियोजना को बड़ी सफलता दिलाना है। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि हालांकि केरल एक ऐसा राज्य है जहां एचआईवी प्रभावित व्यक्तियों का घनत्व कम है, फिर भी यहां संक्रमण की संभावना बहुत अधिक है। उन्होंने सभी से बीमारी के खिलाफ लड़ाई में मिलकर काम करने का आग्रह भी किया।
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