Delhi Govt लॉन्च करने जा रही नया मोबाइल ऐप, इस काम के लिए बुजुर्गों और दिव्यांगों को नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तर के चक्कर
अक्सर हमने देखा है कि अपनी पेंशन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए बुजुर्गों और दिव्यांग पेंशन धारकों को सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है। केजरीवाल सरकार के इस कदम से 6 लाख लोगों को राहत मिल सकती है।
दिल्ली सरकार बुजुर्ग और दिव्यांग पेंशन धारकों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। उन्हें अब अपनी पेंशन की जानकारी लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। दिल्ली सरकार का समाज कल्याण विभाग एक ऐसा मोबाइल ऐप लॉन्च कर रहा है जिसके जरिए पेंशनभोगी घर बैठे ही अपनी पेंशन का पूरा स्टेटस जान सकेंगे। पेंशन धारक अब अपने स्मार्टफोन पर मोबाइल ऐप के जरिए घर बैठे ही अपनी पेंशन से जुड़ी सभी जानकारियां हासिल कर सकेंगे। इस कदम का उद्देश्य बुजुर्गों और विकलांगों को बहुत आवश्यक राहत प्रदान करना है।
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अक्सर हमने देखा है कि अपनी पेंशन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए बुजुर्गों और दिव्यांग पेंशन धारकों को सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है। केजरीवाल सरकार के इस कदम से 6 लाख लोगों को राहत मिल सकती है। समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने इसकी जानकारी दी है। मोबाइल एप से यह जानकारी भी मिलेगी कि पेंशन का वितरण कब होगा और इसमें कितना समय लगेगा। इसके अलावा, दिल्ली सरकार पेंशनभोगियों को घर-घर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए हर जिले में जिला सुविधा-सह-शिकायत निवारण समितियों का गठन करेगी। इन समितियों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक पेंशन धारक को घर-घर सहायता प्राप्त हो।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें मजदूरों के लिए मकान व होस्टल (आश्रयस्थलों) की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने विभाग को आदेश दिया कि सरकारी सुविधाओं तथा योजनाओं को दिल्ली में पंजीकृत सभी 13 लाख श्रमिकों तक पहुंचाने के लिए काम हो। कार्यालय ने कहा कि बैठक में इन बिंदुओं पर फैसले किए गए - सभी श्रमिकों को बसों में मुफ्त सफर के लिए सालाना डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) पास दिए जाए। श्रमिकों के रहने के लिए मकानों व होस्टल की व्यवस्था की जाए। सभी श्रमिकों के बच्चों के लिए मुफ्त ‘कोचिंग’ की व्यवस्था हो।
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