दिल्ली की अदालत ने कन्फेक्शनरी निर्माता के चटमोला ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई

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जिला न्यायाधीश नेहा पालीवाल शर्मा वादी (अलका फूड इंडस्ट्रीज के मालिक) की ओर से जनवरी 1992 में दायर मुकदमे की सुनवाई कर रही थीं, जिसमें प्रतिवादी (अनिल फूड इंडस्ट्रीज) को चटमोला ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने से रोकने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था।

दिल्ली की एक अदालत ने 33 साल पुराने ट्रेडमार्क विवाद का निपटारा करते हुए एक कन्फेक्शनरी निर्माता के चटमोला ट्रेडमार्क या इससे मिलते-जुलते चिह्न का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी और कहा है कि एक अन्य निजी खाद्य कंपनी ट्रेडमार्क की पंजीकृत मालिक एवं मूल उपयोगकर्ता है।

जिला न्यायाधीश नेहा पालीवाल शर्मा वादी (अलका फूड इंडस्ट्रीज के मालिक) की ओर से जनवरी 1992 में दायर मुकदमे की सुनवाई कर रही थीं, जिसमें प्रतिवादी (अनिल फूड इंडस्ट्रीज) को चटमोला ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने से रोकने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था।

नौ अप्रैल को दिए गए आदेश में अदालत ने अपने समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कहा कि प्रतिवादी चटमोला ट्रेडमार्क का पंजीकृत स्वामी और प्रथम उपयोगकर्ता था, इसलिए वादी न तो ट्रेडमार्क में निहित अधिकारों का दावा कर सकता है और न ही प्रतिवादी के माल को अपना बता सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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