India-China झड़प पर संसद में बोले रक्षा मंत्री, PLA ने यथास्थिति को बदलने की कोशिश की, हमारी सेना ने बहादुरी से दिया जवाब

Rajnath Singh in Lok Sabha
ANI
अंकित सिंह । Dec 13 2022 12:07PM

राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएलए ने यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की। जिसके बाद हमारे जवानों की ओर से पलटवार किया गया। पीएलए के जवानों ने हाथापाई भी की है। उन्होंने कहा कि हमारे किसी सैनिक का निधन नहीं हुआ है, ना ही कोई गंभीर जख्मी हुआ है।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज लोकसभा में अपना बयान दिया है। विपक्ष के हंगामे के बीच राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि चीन ने एलएसी पर एकतरफा प्रयास किया। हमारी सेना ने उसके प्रयास को विफल किया। दोनों सेनाओं के बीच हाथापाई भी हुई। हमारी सेना ने चीन की सेना को वापस जाने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि इस झड़प में हमारी सेना में किसी की मृत्यु हुई है और ना ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारी सेना ने बहादुरी के साथ जवाब दिया है। 

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राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएलए ने यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की। जिसके बाद हमारे जवानों की ओर से पलटवार किया गया। पीएलए के जवानों ने हाथापाई भी की है। उन्होंने कहा कि हमारे किसी सैनिक का निधन नहीं हुआ है, ना ही कोई गंभीर जख्मी हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह सदन हमारी सेना की वीरता को एक साथ समर्थन देगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस मामले को राजनयिक माध्यमों से चीन के साथ भी उठाया गया है। मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसे चुनौती देने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए तैयार हैं।

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राजनाथ ने अपने बयान में कहा कि ने कहा कि 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में पीएलए के सैनिकों ने अतिक्रमण किया और यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया। इस प्रयास का हमारे सैनिकों ने दृढ़ तरीके से सामना किया। हमारे सैनिकों ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें अपनी पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को चोटें आईं। मैं इस सदन को बताना चाहता हूं कि हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई या उसे कोई गंभीर चोट नहीं आई। भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण पीएलए के सैनिक अपने-अपने ठिकानों पर पीछे हट गए हैं।

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