उत्तराखंड में नतीजों से पहले कांग्रेस के मन में आशंका, अपने जिताऊ प्रत्याशियों को 'जादूगर' की पहरेदारी में रखने की तैयारी!
कांग्रेस को आशंका है कि उसके विधायकों पर किसी की नजर है। इसीलिए विधायकों को महफूज स्थान पर भेजा जा सकता है। इसमें वो राज्य शामिल हो सकते हैं जहां कांग्रेस की सरकार है।
उत्तराखंड में 10 मार्च को विधानसभा चुनाव की मतगणना होगी। मगर उससे पहले ही विधानसभा चुनाव के परिणाम से पहले ही कांग्रेस में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। सियासी गलियारों में चर्चा है कांग्रेस अपने चुनाव जीतने वाले विधायकों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। चर्चा ये है कि कांग्रेस को आशंका है कि उसके विधायकों पर किसी की नजर है। इसीलिए विधायकों को महफूज स्थान पर भेजा जा सकता है। इसमें वो राज्य शामिल हो सकते हैं जहां कांग्रेस की सरकार है।
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अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है कि परिणामों की घोषणा की तारीख नजदीक होने के कारण पार्टी निश्चित रूप से अलर्ट मोड पर है। बीजेपी के खरीद-फरोख्त के इतिहास को देखते हुए इस बार हम उन्हें कोई मौका नहीं देंगे। राजस्थान में कांग्रेस उम्मीदवारों को भेजने सहित कुछ योजनाएं पहले से ही चर्चा में है। नेता ने कहा कि कांग्रेस के राज्य नेतृत्व ने सभी उम्मीदवारों को 'विशिष्ट निर्देश' दिए हैं। उन्होंने कहा, 2016 में बीजेपी की खरीद-फरोख्त के कारण हमारी उंगलियां पहले जल गईं। हम इस बार तैयार हैं।
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बीजेपी की नीयत पर शक
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने राजस्थान योजना पर टिप्पणी करने से परहेज किया और कहा, “हमें अपने उम्मीदवारों पर पूरा भरोसा है। जहां तक बीजेपी की ओर से पेश की गई 'खतरे' की बात है तो उन्होंने कहा, 'हमारे सभी सदस्यों को अलर्ट कर दिया गया है। उत्तराखंड के भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया। पार्टी के राज्य मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा, "पूरे राज्य ने 2017 में सीएम रहते हुए हरीश रावत पर स्टिंग ऑपरेशन देखा था।
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