Karnataka Election-2023: कर्नाटक के चन्नापटना सीट पर बीजपी और जेडीएस के बीच कांटे की टक्कर, ऐसा रहा इस सीट का इतिहास
कर्नाटक के चन्नापटना निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी और जेडीएस के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होने वाली है। यहां से भाजपा के उम्मीदवार सी पी योगेश्वर चुनावी मैदान में उतरे हैं। तो वहीं जेडीएस से पूर्व सीएम एच डी कुमारस्वामी भी इस सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनावों का ऐलान होने के बाद सभी की निगाहें कुछ प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों पर टिक गई हैं। बता दें कि चन्नापटना निर्वाचन क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा होने वाली है। पूर्व सीएम और जेडीएस का नेतृत्व कर रहे एचडी कुमारस्वामी इस सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वहीं उनके खिलाफ भाजपा ने सी पी योगेश्वर को चुनावी मैदान में उतारकर इसे कांटे की टक्कर दे दी है। साल 1999 में योगेश्वर ने चन्नापटना का प्रतिनिधित्व किया था।
ऑपरेशन लोटस के बाद योगेश्वर ने ज्वॉइन की बीजेपी
इसके बाद साल 2004, 2008 के चुनावों में वह कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर सीट जीते थे। ऑपरेशन लोटस के बाद योगेश्वर ने भाजपा का दामन थाम लिया। लेकिन साल 2009 में वह जेडीएस के उम्मीदवार अश्वथ एम.सी. के खिलाफ उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि साल 2011 में वह इस सीट को जीतने में कामयाब हुए थे।
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निर्वाचन क्षेत्र में शामिल हैं 31 वार्ड
हालांकि साल 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान योगेश्वर को पूर्व सीएम कुमारस्वामी के सामने हार का सामना करना पड़ा था। कहा गया कि योगेश्वर के राजनीतिक करियर को खत्म करने के लिए कुमारस्वामी ने चन्नापटना से चुनाव लड़ने का फैसला किया। चन्नापटना निर्वाचन क्षेत्र में शहर के 31 वार्ड शामिल हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में 2,17,606 वोटर हैं। वहीं मुस्लिम वोटर 42.96 फीसदी और हिंदू वोटर 55.66 फीसदी हैं। पुराने मैसूरु क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बीजेपी के आलाकमान के फैसले के साथ यह लड़ाई एक करीबी मुकाबला बन गई हैं।
भाजपा नेता लगातार कर रहे दौरा
चन्नापटना निर्वाचन क्षेत्र जिसने कांग्रेस के उम्मीदवारों को चुना, वह जेडीएस का गढ़ बन गया है। पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी देवगौड़ा के परिवार ने यहां से जीत हासिल करना प्रतिष्ठा की बात मानी थी। हालांकि भाजपा कर्नाटक में कमल खिलाने के लिए पूरी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। भाजपा नेताओं के अलावा पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगातार राज्य के दौरे कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने जेडीएस को चन्नापटना से ऊखाड़ फेंकने की अपील की है। हालांकि यह तो नतीजे ही बताएंगे कि कर्नाटक में भगवा पार्टी अपनी जड़ें मजबूत करने में कितनी कामयाब हुई है।
भाजपा नेता योगेश्वर की राह मुश्किल
जहां राज्य में एक ओर हिजाब संकट के बाद धर्म के आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण और मुस्लिम व्यापारियों के बहिष्कार के आह्वान के साथ, मुस्लिम जेडीएस के साथ मजबूती से खड़े हुए हैं। तो वहीं वोक्कालिगा वोटों के एक बड़े हिस्से को भी कुमारस्वामी आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। अब ऐसे में भाजपा नेता योगेश्वर की राह मुश्किल होने वाली हैं। हिंदू वोटों को भाजपा की ओर करना और वोक्कालिगा मतदाताओं को अपनी पार्टी की ओर रखना उनके सामने बड़ी चुनौती के तौर पर होगा। योगेश्वर ने अभी से चन्नापटना में चुनाव का प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया है।
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