आईआईएमसी द्वारा सैन्य अधिकारियों के लिए आयोजित मीडिया संचार पाठ्यक्रम का समापन समारोह संपन्न

IIMC

इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए. भारत भूषण बाबू, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह एवं शॉर्ट कोर्सेज के पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. राजेश कुमार भी उपस्थित थे।

नई दिल्ली। ''भारत को पड़ोसी देशों द्वारा एक उपकरण के रूप में अपनाए जा रहे मनोवैज्ञानिक युद्ध से सचेत रहना होगा। हमें यह सीखना होगा कि देश और देशवासियों की बेहतरी के लिए मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कैसे किया जाए।'' यह विचार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ध्रुव कटोच ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा सैन्य अधिकारियों के लिए आयोजित मीडिया संचार पाठ्यक्रम के समापन समारोह में व्यक्त किए। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए. भारत भूषण बाबू, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह एवं शॉर्ट कोर्सेज के पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. राजेश कुमार भी उपस्थित थे। 

इसे भी पढ़ें: IIMC में स्थापना दिवस व्याख्यान का आयोजन, शशि शेखर ने कहा- रोबो जर्नलिज्म आज के मीडिया की हकीकत

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर विचार व्यक्त करते हुए ध्रुव कटोच ने कहा कि भारत विरोधी ताकतों से निपटने में मीडिया की अहम भूमिका है। इसलिए हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि ऐसी ताकतें हमारे देश के खिलाफ मीडिया का दुरुपयोग न कर पाएं। उन्होंने कहा कि सूचना और तकनीक के आधुनिक युग में सेना को सोशल मीडिया का सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल करने की जरुरत है। सोशल मीडिया हमारी सोच से ज्यादा तेजी से बढ़ा है। अगर हम इसकी रफ्तार के साथ नहीं चल पाए, तो पीछे छूट जाएंगे।

इसे भी पढ़ें: लोकसभा अध्यक्ष से मिले IIMC के महानिदेशक, संस्थान द्वारा किये जा रहे रचनात्मक कार्यों की दी जानकारी

श्री कटोच के अनुसार युद्ध के दौरान सूचनाओं का सही प्रयोग बेहद अहम है। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करते हैं। अगर हमें इसका इस्तेमाल अपनी ताकत बढ़ाने के लिए करना है, तो हमें सोशल मीडिया से जुड़ना होगा। आज मीडिया देश की ताकत का महत्वपूर्ण स्तंभ है, लेकिन हमें इसका इस्तेमाल अनुशासन के दायरे में रहकर करना होगा। उन्होंने कहा कि आज जब फेक न्यूज़ और हेट न्यूज़ का चलन बढ़ रहा है, तब मीडिया साक्षरता की आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति को है। 

आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट की एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं को फर्जी खबरों का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है। दुनिया के 22 देशों में किए गए सर्वेक्षण के बाद तैयार की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक 64 फीसदी भारतीयों को फर्जी खबरों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह चिंता की बात इसलिए है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 57 फीसदी का है।

इसे भी पढ़ें: देश की आजादी का अमृत महोत्सव पर मीडिया सेमिनार का हुआ आयोजन

कार्यक्रम का संचालन पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. विष्णुप्रिया पांडेय ने किया। आईआईएमसी प्रतिवर्ष सैन्य अधिकारियों के लिए मीडिया एवं संचार से जुड़े शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्सेज का आयोजन करता है। इन पाठ्यक्रमों में तीनों सेनाओं के कैप्टन लेवल से लेकर ब्रिगेडियर लेवल तक के अधिकारी हिस्सा लेते हैं। कोरोना के कारण इस वर्ष यह ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑनलाइन आयोजित किया गया है। इस वर्ष लोक मीडिया से लेकर न्यू मीडिया एवं आधुनिक संचार तकनीकों की जानकारी सैन्य अधिकारियों को प्रदान की गई है। इसके अलावा न्यू मीडिया के दौर में किस तरह सेना एवं मीडिया के संबंधों को बेहतर बनाया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण भी अधिकारियों को दिया गया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़