शक्ति मिल सामूहिक बलात्कार मामले में कोर्ट ने बदला फैसला, आरोपियों को नहीं दी जाएगी फांसी
फोटो जर्नलिस्ट अपने सहयोगी के साथ एक असाइनमेंट के लिए शक्ति मिल में आई थी जहां, चार पुरुष और एक नाबालिग मौजुद थे और उन्होंने जबरन लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया था। मुंबई पुलिस ने 24 घंटे के अंदर मामले की जांच शुरू की थी और एक हफ्ते के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
बंबई उच्च न्यायालय ने 2013 के शक्ति मिल सामूहिक बलात्कार मामले में तीन आरोपियों की मौत की सजा को गुरुवार को खारिज कर दिया है। इन तीनों आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि, 22 अगस्त 2013 को 22 वर्षीय फोटो जर्नलिस्ट, जो मुंबई में एक अंग्रेजी मैगजीन में इंटर्नशिप कर रही थी, के साथ एक नाबालिग सहित पांच लोगों ने गैंग रेप किया था। फोटो जर्नलिस्ट अपने सहयोगी के साथ एक असाइनमेंट के लिए शक्ति मिल में आई थी जहां, चार पुरुष और एक नाबालिग मौजुद थे और उन्होंने जबरन लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया था। मुंबई पुलिस ने 24 घंटे के अंदर मामले की जांच शुरू की थी और एक हफ्ते के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
2013 Shakti Mills gang-rape case | Bombay High court sets aside the sentence of death penalty of three accused, sends them to life imprisonment pic.twitter.com/cjQmKhUnYn
— ANI (@ANI) November 25, 2021
अदालत ने क्या सुनाया फैसला
एचसी बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि, शक्ति मिल सामूहिक बलात्कार मामले ने समाज की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। एक बलात्कार पीड़िता न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी पीड़ित होती है। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। लेकिन केवल सार्वजनिक आक्रोश को ध्यान में नहीं रखा जा सकता है। मौत की सजा केवल एक अपवाद है और ऐसे निर्णय सार्वजनिक प्रदर्शन से नहीं लिए जा सकते है। कोर्ट ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए आगे कहा कि, आरोपी समाज के साथ आत्मसात नहीं कर पाएगा। आरोपी मोहम्मद कासिम, हाफ़िज़ शेख उर्फ़ कासिम बंगाली, मोहम्मद सलीम अंसारी और विजय मोहन जाधव (फांसी) दोनों गैंगरेप केस में दोषी करार दिया गया है।
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