हंगामे के बीच दो बार स्थगित हुई असम विधानसभा की कार्यवाही

Assam Assembly
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पहली बार सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल के दौरान 10 मिनट के लिए स्थगित की गयी, जब दैमारी की ओर से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील को नजरअंदाज करते हुए सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के विधायक बहस में उलझे रहे।

गुवाहाटी। असम विधानसभा में मंगलवार सुबह विपक्षी दलों के विधायकों और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने कई बार सदस्यों को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन शोर-शराबा जारी रहने पर उन्होंने दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

पहली बार सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल के दौरान 10 मिनट के लिए स्थगित की गयी, जब दैमारी की ओर से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील को नजरअंदाज करते हुए सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के विधायक बहस में उलझे रहे। जैसे ही कार्यवाही दोबारा शुरू हुई विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से सदन में कामकाज के संचालन के लिए नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करने का अनुरोध किया। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सदस्यों से एक-दूसरे को बोलने की अनुमति देने का अनुरोध करता हूं।’’ उन्होंने दोनों पक्षों द्वारा सदन की गरिमा बनाए रखने की उनकी बार-बार की गई अपील को नहीं सुनने पर भी नाराजगी व्यक्त की। गोलपारा और धुबरी जिलों में बेदखली अभियान पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दैमारी ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।

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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रस्ताव को अस्वीकार किया जा रहा है और उन्होंने एआईयूडीएफ से मामले को अन्य प्रावधानों के तहत उठाने का आग्रह किया। इस पर विपक्षी दल के सदस्य स्थगन प्रस्ताव के अनुरोध पर अड़े रहे। इसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल समाप्त होने के तुरंत बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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