असदुद्दीन ओवैसी ने कश्मीर पर अमित शाह के बयान की तीखी आलोचना की
ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी को अपने राज्य जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से अनुमति लेनी पड़ी इसी प्रकार माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी को अपने पार्टी के बीमार विधायक को देखने जाने के लिए भी उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा।
हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का जम्मू कश्मीर के संदर्भ में यह कहना कि पाबंदियां केवल लोगों के दिमाग में है, इत्यादि...इत्यादि सही नहीं है क्योंकि माकपा नेता सीता राम येचुरी और अन्य को वहां जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से गुहार लगानी पड़ी। वहां मोबाइल सेवाएं अब भी बहाल नहीं हुई हैं।
My whole issue during Yakub Memon’s execution was the discretion that the govt exercises. Death penalty in India disproportionately impacts minorities, adivasis & dalits as reported by @P39A_nlud death penalty report
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 30, 2019
A man who’s convicted of killing a sitting CM will be released https://t.co/tnJkItLSMr
ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी को अपने राज्य जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से अनुमति लेनी पड़ी इसी प्रकार माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी को अपने पार्टी के बीमार विधायक को देखने जाने के लिए भी उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा।
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उन्होंने कहा,‘‘तो वह (शाह) जो भी कुछ भी कह रहे हैं,सच्चाई बयां नहीं कर रहे हैं।’’ साथ ही कहा,‘‘ शाह ने संसद में यह कह कर गलत किया कि फारूक अब्दुल्ला स्वतंत्र हैं...बाद में उन्हें पीएसए के तहत हिरासत में ले लिया गया।’’ ओवैसी ने कहा,‘‘ अगर वह सच बोल रहे हैं तो कश्मीर में अघोषित आपालकाल क्यों हैं? क्यों वहां सेब बेचने वाला सेब नहीं बेचना चाह रहा? वहां स्कूल क्यों नहीं खुल रहे हैं?’’
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