russia-ukraine crisis: राज्यों की अपील, यूक्रेन में फंसे छात्रों की जल्द वापसी सुनिश्चित करें केंद्र सरकार
आज सुबह सवेरे ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्रीय गृह मंत्री से बातचीत की और ओडिशा के छात्रों और मजदूरों को सुरक्षित निकालने का अनुरोध किया। जवाब में गृह मंत्री ने भी आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार हर हाल में भारतीयों को यूक्रेन से वापस लाने की रणनीति पर काम कर रही है।
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध लगातार जारी है। इन सबके बीच भारत में चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही है। दरअसल, भारत के लगभग 20000 से ज्यादा छात्र और नागरिक यूक्रेन में फंसे हुए हैं। यही कारण है कि विभिन्न राज्यों की ओर से केंद्र सरकार से यूक्रेन में फंसे नागरिकों की वापसी के लिए लगातार अपील की जा रही है। आज सुबह सवेरे ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्रीय गृह मंत्री से बातचीत की और ओडिशा के छात्रों और मजदूरों को सुरक्षित निकालने का अनुरोध किया। जवाब में गृह मंत्री ने भी आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार हर हाल में भारतीयों को यूक्रेन से वापस लाने की रणनीति पर काम कर रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा है कि वे लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क में हैं। नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया गया है और टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। हमारी सरकार यूक्रेन में फंसे राज्य के लोगों को मदद के लिए तत्पर है।
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी केंद्र सरकार से अपील की है कि वह युद्ध ग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों एवं अन्य लोगों की मदद करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश से पढ़ाई अथवा काम करने यूक्रेन गए अन्य लोगों की भी मदद करें। अन्य राज्यों ने भी केंद्र सरकार से उनके राज्यों के लोगों को सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र सरकार से अपील की है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री उदय सामंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे राज्य के करीब 1200 छात्रों की सुरक्षित वापसी के प्रबंध किए जाएं। मध्य प्रदेश के 46 विद्यार्थियों के अभिभावकों ने सहायता के लिए मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर पंजीयन कराया है। प्रदेश के गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव राजेश राजोरा ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन में फंसे होने को लेकर प्रदेश में अब तक पंजीकृत किए गए 46 विद्यार्थियों में से भोपाल के नौ,उज्जैन व देवास के चार-चार, इंदौर व रायसेन के तीन-तीन, बड़वानी व सीहोर केदो-दो तथा जबलपुर, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, मुरैना, नर्मदापुरम, डिंडोरी, टीकमगढ़, छतरपुर, खरगोन, झाबुआ, सागर, बालाघाट, रतलाम औरबुरहानपुर का एक-एक छात्र शामिल हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान सरकार राज्य के छात्रों की वापसी के लिये हर संभव सहयोग करेगी।
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मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने बृहस्पतिवार को कहा कि अधिकतर विद्यार्थियों समेत हरियाणा से करीब 2000 लोग यूक्रेन में फंसे हैं और वह इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं। खट्टर ने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय पहले ही एक नियंत्रण कक्ष स्थापित कर चुका है और राज्य सरकार ने भी चंडीगढ़ में एक नियंत्रण कक्षा खोला है जहां हरियाणा के लोग व्हाट्सअप नंबर 92123-14595 पर संपर्क कर सकते हैं। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे गोवा के लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से मदद मांगी है। यूक्रेन में फंसे हजारों मलयालियों की सुरक्षा को लेकर चिंतिंत केरल सरकार ने केंद्र से उनकी सुरक्षित वापसी के लिए जरूरी प्रबंध करने की बृहस्पतिवार को अपील की। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने यूक्रेन में फंसे मलयालियों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर को अलग-अलग पत्र लिखे।
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस और यूक्रेन के बीच संकट पर कहा कि पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे भारतीयों को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन वहां विमान उतारने की स्थिति नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है और दोनों देशों को बातचीत से हल निकालना चाहिए। युद्ध की स्थिति नहीं होनी चाहिए। सिंह वाराणसी के सेवापुरी में आयोजित एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। यूक्रेन संकट पर उन्होंने संवादताताओं से बातचीत में कहा, “केंद्र सरकार ने पहले ही परामर्श जारी किया था। यूक्रेन से भारतीयों को लाने के लिए विमान भेजे गये हैं, लेकिन वहां विमान को उतारने की स्थिति नहीं है।” उन्होंने कहा, “वहां की स्थिति अभी विषम है। भारतसरकार बच्चों (छात्रों) को वहां से लाने का लगातार प्रयास कर रही है।” रक्षा मंत्री ने कहा “भारत शांति चाहता है और दोनों देशों को बातचीत से हल निकालना चाहिए। युद्ध की स्थिति नहीं होनी चाहिए।” सिंह ने एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2014 के बाद से वाराणसी में विकास का एक नया अध्याय शुरू हुआ है।
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