Pakistan में खत्म हो जाएगा अब विपक्ष, कुर्सी गंवाने के डर से शहबाज ने लिया ऐसा फैसला, बिलावल ने भी काट लिया किनारा

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अभिनय आकाश । Jul 18 2024 3:36PM

मोहम्मद अता तरार ने कहा कि अब पाकिस्तान इमरान खान की हरकतों को बर्दाश्त नहीं कर सकता। उनकी देश विरोधी गतिविधियों की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसलिए अब इमरान खान की पार्टी को बैन किया जाए।

पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। इसके अलावा पाकिस्तान की सरकार पार्टी के फाउंडर मेंबर रहे जेल में बंद इमरान खान और पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और नेशनल असेंबली के स्पीकर कासिम सूरी पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा। पाकिस्तान सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान में एक बार फिर गृह युद्ध के हालात बन सकते हैं। लेकिन पाकिस्तान की सरकार ने साफ साफ कह दिया है कि अब इमरान खान की पार्टी को किसी भी पॉलिटिकल एक्टिविटी की इजाजत नहीं दी जाएगी। भले ही इसके लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़े। पाकिस्तान की सूचना मंत्री मोहम्मद अता तरार ने कहा कि इमरान खान और उनकी पार्टी के नेता लगातार मुल्क के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। पाकिस्तान को और पाकिस्तानी फौज को बदनाम कर रहे हैं। पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने कहा कि इमरान खान एक फांसीवादी नेता हैं और उन्होंने हुकूमत में रहने के दौरान अपने विरोधियों को निशाना बनाया है। सत्ता से बाहर होने के बाद पाकिस्तान विरोधी ताकतों के साथ हाथ मिलाकर मुल्क को बर्बाद करने की साजिश कर रहे हैं। मोहम्मद अता तरार ने कहा कि अब पाकिस्तान इमरान खान की हरकतों को बर्दाश्त नहीं कर सकता। उनकी देश विरोधी गतिविधियों की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसलिए अब इमरान खान की पार्टी को बैन किया जाए। 

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विदेशी फंडिंग मामला

2014 में पीटीआई के संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर ने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) में एक याचिका दायर करके आरोप लगाया गया कि पीटीआई ने 2009 से लेकर 2009 के बीच अवैध रूप से विदेशी फंड में लाखों रुपये प्राप्त किए थे। बता दें कि बाबर को 2011 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। 2018 में ईसीपी ने एक जांच समिति का गठन किया, जिसने जनवरी 2022 में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि पीटीआई को विदेशी नागरिकों और कंपनियों (जो पाकिस्तान में अवैध है) से फंडिंग मिली थी, फंड की जानकारी छुपाई गई और अपने दर्जनों बैंक खातों को छुपाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी ने वित्त वर्ष 2009-10 और वित्त वर्ष 2012-13 के बीच चार साल की अवधि में 312 मिलियन रुपये की राशि कम बताई। वर्ष-वार विवरण से पता चलता है कि...अकेले वित्त वर्ष 2012-13 में 145 मिलियन रुपये से अधिक की राशि कम बताई गई थी। जुलाई 2022 में फाइनेंशियल टाइम्स की एक जांच से पता चला कि पीटीआई को दुबई स्थित अबराज ग्रुप के संस्थापक आरिफ नकवी और अबू धाबी के शाही परिवार के सदस्य शेख नाहयान बिन मुबारक अल-नाहयान से धन प्राप्त हुआ। ईसीपी ने पीटीआई को विदेशी पाकिस्तानियों से धन स्वीकार करने का दोषी पाया। लेकिन अप्रैल 2023 में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि इमरान को उनकी पार्टी को मिलने वाली प्रतिबंधित फंडिंग से जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

सिफर मामला

इमरान द्वारा सिफर के खुलासे से संबंधित है, जिसे 2022 की शुरुआत में वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत द्वारा इस्लामाबाद भेजा गया था। इमरान ने दावा किया कि केबल जिसमें कथित तौर पर अमेरिका से धमकी भरा संदेश था। यह इस बात का सबूत है कि उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने में अमेरिकी शामिल थे। बता दें कि संसद में अविश्वास मत हारने के बाद अप्रैल 2022 में इमरान को पद से हटा दिया गया था। अगस्त 2023 में अमेरिकी समाचार आउटलेट द इंटरसेप्ट ने कथित केबल के एक हिस्से को पुन: प्रस्तुत किया। इसमें 7 मार्च, 2022 को अमेरिकी अधिकारियों और पाकिस्तानी राजदूत के बीच हुई एक कथित बैठक का विवरण था, जिसमें अमेरिकियों ने कथित तौर पर यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर इमरान द्वारा अपनाई गई तटस्थ स्थिति पर नाराजगी व्यक्त की थी। रिपोर्ट के प्रकाशन के तुरंत बाद, पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने वर्गीकृत केबल की सामग्री को सार्वजनिक करने के लिए आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 5 के तहत इमरान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसी साल जनवरी में इमरान को देशद्रोह का दोषी ठहराया गया और सिफर मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई. हालाँकि, 3 जून को एक अपील अदालत ने इस फैसले को पलट दिया और उन्हें इस मामले से बरी कर दिया।

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पीपीपी ने किया इस फैसले से खुद को अलग

पीटीआई को बैन करने की इस ताजा पहल को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन में भी दरार दिखने लगी है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने इस फैसले से खुद को अलग करते हुए कहा है कि इस बारे में उससे कोई राय-मशविरा नहीं किया गया। इसके बाद यह भी देखना होगा कि सरकार इस फैसले को लेकर किस तरह से और कितना आगे बढ़ती है।

अदालत से लगातार मिल रही थी राहत 

इमरान और उनकी पार्टी अदालती लड़ाई भी मजबूती से लड़ती दिखी। न व्यक्तिगत रूप से इमरान खान की संलिप्तता के आरोप सबूतों के अभाव में खारिज हो गए बल्कि केबल मामले में ऑफिशल सीक्रेट्स एक्ट के उल्लंघन का आरोप भी ऊपरी अदालत ने निरस्त कर दिया। यही नहीं, पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई को नैशनल असेंबली में 20 से ज्यादा रिजर्व सीटों के लिए पात्र घोषित कर दिया, जिससे वह सबसे बड़ी पार्टी हो जाती है।  

इमरान की लोकप्रियता को रोक पाने में नाकामी

इमरान खान पहले से ही जेल में बंद हैं। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) पर भी कई तरह की बंदिशें पहले से लगी हुई हैं। इसके बावजूद अगर पाकिस्तान सरकार इस नई पहल की बात कर रही है तो इसका साफ मतलब यही है कि जेल के अंदर से भी इमरान अपने विरोधियों के लिए खतरा बने हुए हैं। पाकिस्तान की फौज के साथ बढ़ते मतभेदों के बीच कुर्सी गंवाने वाले इमरान खान की पाकिस्तानी अवाम के बीच लोकप्रियता पिछले चुनावों में अच्छी तरह स्थापित हो चुकी है। खुद इमरान को चुनाव लड़ने से रोके जाने और पार्टी को प्रत्याशी तक न खड़ा करने देने के बावजूद पीटीआई के लोग बड़ी संख्या में जीत कर नैशनल असेंबली पहुंचे।  

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