Shani Vakri 2023: शनि की बदलेगी चाल, 141 दिनों तक कुंभ राशि में वक्री रहेगा शनि

Shani Vakri 2023
Prabhasakshi

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि की चाल बदलने से कई लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। शनि के लिए राशि अनुसार पूजा-पाठ करना चाहिए। शनिदेव को न्याय व कर्म का देवता माना गया है। जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है शनिदेव उसे वैसा ही फल देता है।

शनिदेव का नाम सुनते ही व्यक्ति को अशुभ फल की चिंता सताने लगाती है। जबकि ऐसा नहीं है कि शनिदेव शुभ फल भी प्रदान करते हैं। और अगर शनिदेव की कृपा हो जाए व्यक्ति को रंक से राजा बनने में समय नहीं लगता है। शनि कुंभ राशि में वक्री हो रहा है। ये ग्रह 4 नवंबर तक वक्री रहेगा, इसके बाद मार्गी हो जाएगा। इस बार शनि वक्री रहते हुए राशि नहीं बदलेगा। इस तरह 141 दिनों तक शनि वक्री रहेगा। 2023 में शनि धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र में रहेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनिदेव अब 17 जून 2023 को रात 10:57 मिनट पर कुंभ राशि में रहते हुए वक्री चाल चलेंगे। वक्री चाल से मतलब उल्टी चाल से चलना होता है। शनि की यह वक्री चाल 4 नवंबर 2023 तक रहेगी फिर इसके बाद कुंभ राशि में ही मार्गी हो जाएंगे। शनि कुल 141 दिन वक्री अवस्था में रहेंगे। शनि के वक्री होने पर इसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा। शनिदेव साल 2023 में अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान हैं। शनि के कुंभ राशि में होने से मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों के ऊपर इस समय शनि की साढ़ेसाती चल रही है। 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि की चाल बदलने से कई लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। शनि के लिए राशि अनुसार पूजा-पाठ करना चाहिए। शनिदेव को न्याय व कर्म का देवता माना गया है। जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है शनिदेव उसे वैसा ही फल देता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह-नक्षत्रों में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। शनिदेव की उपस्थिति एक राशि में ढाई साल तक रहती है। इसके बाद ही वे अपना गोचर करते हैं। शनि इस वक्त अपनी राशि कुंभ राशि में विराजमान हैं। कर्क, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि के लोगों को अतिरिक्त सावधानी रखनी होगी। इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढय्या चल रही है। 

वक्री शनि का देश-दुनिया पर प्रभाव

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि कुंभ शनि की राशि है। इस राशि में शनि के वक्री होने से तूफान, भूकंप और दुर्घटनाएं होने के योग बनते हैं। शनि करीब ढाई साल अपने घर में रहेंगे। जिससे देश के लिए ये बदलाव फायदेमंद होगा। अनाज की अच्छी पैदावार के साथ बाजार में उछाल आने के आसार हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रगति होगी, लेकिन प्राकृतिक आपदा प्रभावित कर सकती है। आतंकी घटनाएं बढ़ सकती हैं। महत्वपूर्ण पद वालों को सुरक्षा और सेहत का खासतौर से ध्यान रखना होगा। अस्थिरता बढ़ सकती है। बीमारियों के इलाज में भी नए-नए आविष्कार होंगे। नई-नई दवाइयां और तकनीक विकसित होगी। सत्ता संगठन में बदलाव होंगे। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा। देश में आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है। प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना।

इसे भी पढ़ें: Tulsi Ke Upay: एक नहीं अनेक प्रकार की होती है तुलसी, इन उपायों को करने से चमकेगा आपका भाग्य

राशियों पर असर 

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि की उल्टी चाल का प्रभाव सबसे अधिक कर्क, सिंह, कन्या, मकर, वृश्चिक और कुंभ राशि के जातकों पर पड़ेगा। इन सभी राशि पर शनि की टेढ़ी नजर होगी। बता दें कि शनि ग्रह के गोचर से मीन राशि पर साढ़े साती आरंभ हो गई है। वहीं कुंभ राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण, मकर राशि पर साढ़े साती का अंतिम चरण, कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर ढैय्या का आरंभ हो गई है। 

उपाय

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शिव उपासना और हनुमत उपासना करें। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें। हनुमान चालीसा एवं शनि चालीसा का पाठ करें। मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी को सरसों के तेल का दीपक जलाएं, दर्शन का लाभ लें। मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें। शनिवार के दिन शनि मंदिर में छाया दान अवश्य करें। गरीब, वृद्ध, असहाय लोगों को भोजन कराएं। पशु पक्षियों के लिए दाने,  हरे चारे, पानी की व्यवस्था करें। तेल का दान भी करना चाहिए। तेल दान करने से आपको अपने कष्टों से छुटकारा मिलता है। शनिवार को लोहे से बनी चीजों को दान करना चाहिए। इस दिन लोहे का सामान दान करने से शनि देव शांत होते हैं। लोहा दान देने से शनि की दृष्टि निर्मल होती है। रुद्राक्ष की माला लेकर एक सौ आठ बार ॐ शं शनैश्चराय नमः का जप करें, शनिदेव की कृपा बनेगी और कष्ट दूर होंगे। काले कुत्ते को शनिवार के दिन सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं। सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

मेष राशि- तिल के तेल से शनि देव का अभिषेक करें। 

वृषभ राशि- नारियल, मूंगफली या सरसों के तेल से शनि का अभिषेक करें।

मिथुन राशि- तिल के तेल से अभिषेक और हवन करें।

कर्क राशि- सरसों के तेल का दान करें।

सिंह राशि- सरसों का तेल या तिल का तेल शनि को चढ़ाएं।

कन्या राशि- तिल, मूंगफली, सरसों तेल का दान करें।

तुला राशि- नारियल, मूंगफली या सरसों के तेल भगवान को चढ़ाएं।

वृश्चिक राशि- तिल या सरसों के तेल से अभिषेक कर सकते हैं।

धनु राशि- सोयाबीन, मूंगफली तेल का दान कर सकते हैं।

मकर राशि- सरसों या तिल के तेल से शनि देव का अभिषेक और हवन करें।

कुंभ राशि- सरसों का तेल किसी मंदिर में दान करें।

मीन राशि- सोयाबीन, मंगूफली तेल से शनि देव का अभिषेक कर सकते हैं।

- डा. अनीष व्यास

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़