Hamas कमांडर ने इजराइल पर हमले में ईरान, हिजबुल्ला की भूमिका से इनकार किया

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हमास के निर्वासित नेतृत्व के एक सदस्य अली बराकेह ने ऐसे वक्त में अपने बेरूत कार्यालय से यह बयान दिया है, जब इजराइल ने गाजा पर भीषण बमबारी की और हमास शासित क्षेत्र की पूर्ण घेराबंदी का संकल्प लिया है।

आतंकवादी संगठन हमास के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा कि इजराइल पर हमले के बारे में गाजा में केवल कुछ शीर्ष कमांडर ही जानते थे, लेकिन ‘‘अगर गाजा में विनाशकारी युद्ध जारी रहता है’’, तो ईरान और हिजबुल्ला जैसे सहयोगी इस लड़ाई में शामिल होंगे।

हमास के निर्वासित नेतृत्व के एक सदस्य अली बराकेह ने ऐसे वक्त में अपने बेरूत कार्यालय से यह बयान दिया है, जब इजराइल ने गाजा पर भीषण बमबारी की और हमास शासित क्षेत्र की पूर्ण घेराबंदी का संकल्प लिया है।

बराकेह ने कहा कि गाजा में हमास के करीब छह शीर्ष कमांडरों ने हमले की योजना बनाई थी और समूह के करीबी सहयोगियों को भी हमले के समय के बारे में पहले से कुछ नहीं बताया गया था।

उसने उन खबरों को खारिज किया कि ईरान के सुरक्षा अधिकारियों ने हमले की योजना बनाने में मदद की या बेरूत में पिछले सप्ताह एक बैठक में हमले की मंजूरी दी।

बराकेह ने कहा, ‘‘केवल हमास के कुछ कमांडर हमले की योजना के बारे में जानते थे।’’ उसने कहा कि हमास के केंद्रीय कमान या राजनीतिक ब्यूरो का कोई सदस्य पिछले साल लेबनान की राजधानी में नहीं था।

बराकेह ने माना कि ईरान और लेबनान के आतंकवादी समूह हिजुबुल्ला ने पूर्व में हमास की मदद की है, लेकिन साथ ही कहा कि 2014 के गाजा युद्ध के बाद से हमास खुद अपने रॉकेट बना रहा है और लड़ाकों को प्रशिक्षण दे रहा है।

बराकेह ने उन अटकलों को भी खारिज किया कि इस हमले का मकसद सऊदी अरब को इजरइाल से संबंध सामान्य बनाने के लिए राजी करने के अमेरिकी प्रयासों को बाधित करना है। उसने कहा कि इस हमले की योजना एक साल से अधिक समय पहले बनाई गई थी।

बराकेह ने कहा कि इजराइल की घोर दक्षिणपंथी सरकार द्वारा पिछले एक साल में उठाए गए कदमों के बदले में यह हमला किया गया, जिसमें यरूशलम में विवादित पवित्र स्थलों के उकसावे वाले दौरे और इजराइल द्वारा बंधक बनाए गए फलस्तीनी कैदियों पर दबाव बढ़ाना शामिल है।

उसने यह भी कहा कि हमास का मानना है कि इजराइल ने उसके शीर्ष कमांडरों की हत्या की योजना बनाई थी। हमास कमांडर ने यह भी कहा कि आतंकवादी समूह ‘‘ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म’’ से भी हैरान था और उसे उम्मीद थी कि इजराइल हमला रोकेगा या इसे सीमित करेगा।

सका यह दावा कि हमास ने केवल एक छोटे अभियान की योजना बनाई थी, इस तथ्य से गलत साबित होता है कि हमले में तकरीबन 1,000 लड़ाके शामिल हुए। हमास के हमले के बाद इजराइल ने पूर्ण युद्ध की घोषणा की है और उसे ऐसी सजा देने का संकल्प लिया है, जो उसने पहले कभी नहीं झेली होगी। हमास बड़े हमलों का सामना करने पर अपने सहयोगियों से मदद मांग सकता है।

रविवार को हिजबुल्ला ने एक विवादित इलाके में तीन इजराइली ठिकानों पर कई रॉकेट दागे और गोलाबारी की। सोमवार को फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद आतंकवादी समूह ने दावा किया कि उसने चार बंदूकधारियों को लेबनान सीमा के पार इजराइल में भेजा है।

वर्षों से लेबनान में हमास के प्रतिनिधि रहे बराकेह ने कहा कि उसका समूह इजराइली जेलों में बंद सभी अरब लोगों और अमेरिका में कैद कुछ फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए हमले में बंधक बनाए गए सैकड़ों इजराइलियों का इस्तेमाल करेगा।

उसने कोई संदर्भ दिए बगैर कहा, ‘‘अमेरिकी जेलों में फलस्तीनी बंद हैं। हम उनकी रिहाई की मांग करेंगे।’’ बराकेह ने कहा कि हमास इजराइल के साथ एक लंबा युद्ध लड़ने के लिए तैयार है और उसके पास रॉकेट का एक शस्त्रागार है, जो लंबे समय तक चलेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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