Israel से पंगा लेकर फँस गया Hamas, Gaza पूरी तरह तबाह, मस्जिदों के साथ ही इस्लामिक यूनिवर्सिटी भी मलबे में ढेर

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इस बीच, इराक में एक प्रमुख ईरानी समर्थित मिलिशिया के नेता ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका गाजा में हमास और इज़राइल के बीच युद्ध में हस्तक्षेप करता है तो वह जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी ठिकानों पर हमला करेगा।

इजराइल पर हमला करना हमास को बहुत महंगा पड़ा है क्योंकि शनिवार से अब तक इजराइली रक्षा बलों ने गाजा में लगभग तीन हजार ठिकानों पर हमले किये हैं जिससे यह पूरा इलाका बर्बाद हो चुका है। बताया जा रहा है कि लगभग 1500 के आसपास बहुमंजिला इमारतें जमींदोज हो गयी हैं, हमास के वो वॉर रूम भी उड़ा दिये गये हैं जहां से इजराइल पर आतंकवादी हमला करने की साजिश रची गयी थी। गाजा में हुए इजराइली हमलों में जहां कई मस्जिदें तबाह हो गयी हैं वहीं इस्लामिक यूनिवर्सिटी की इमारत भी मलबे में तब्दील हो गयी है। इस बीच, इजराइल की ओर से आपूर्ति ठप किए जाने के बाद गाजा में बिजली प्राधिकरण ने कहा है कि कुछ घंटों में इकलौते संयंत्र में भी ईंधन समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद पूरे गाजा में बिजली आपूर्ति बंद हो जाएगी। इस प्रकार की भी खबरें हैं कि गाजा के अधिकांश हिस्सों पर कब्जा होते ही इजराइल ने इस पूरे इलाके को सैन्य क्षेत्र घोषित करते हुए बिना इजाजत के यहां प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है। इजराइल ने कहा है कि गाजा में घुसना जोखिम के साथ ही अपराध भी होगा। दूसरी ओर, हमास भी अभी हार मानने के लिए तैयार नहीं है। खबर है कि गाजा पट्टी से दक्षिणी इजरायली शहरों अशदोद और अश्कलोन की ओर रॉकेट दागे गए हैं। 

अमेरिकी हथियार पहुँचे

उधर, अब इस युद्ध में एक नया मोड़ भी आने वाला है क्योंकि हमास के साथ युद्ध में इजराइल को मजबूती प्रदान करने के लिए आधुनिक अमेरिकी हथियारों और उपकरणों की पहली खेप तेल अवीव पहुंच चुकी है। इजराइल के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी वीडियो और तस्वीरों में एक मालवाहक विमान को उतरते हुए देखा जा सकता है जिससे उपकरणों की पहली खेप लाई गयी। इसे संयुक्त अभियान के तहत इजराइल में लाया गया है। रक्षा मंत्रालय के उत्पादन और खरीद निदेशालय, अमेरिकी खरीद मिशन और इजराइल के रक्षा मंत्रालय के तहत अंतरराष्ट्रीय परिवहन इकाई ने इस अभियान में मालवाहक विमान से उपकरण लाने पर नजर रखी जिससे अमेरिका से हथियारों की सीधी आपूर्ति हो सकी। 

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आतंकवादियों ने दी धमकी

इस बीच, इराक में एक प्रमुख ईरानी समर्थित मिलिशिया के नेता ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका गाजा में हमास और इज़राइल के बीच युद्ध में हस्तक्षेप करता है तो वह जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी ठिकानों पर हमला करेगा। कताइब हिजबुल्लाह मिलिशिया के प्रमुख अहमद "अबू हुसैन" अल-हमीदावी ने कहा, "हमारी मिसाइलें, ड्रोन और विशेष बल अमेरिकी दुश्मन पर कई गुणा ज्यादा हमले करने और इस लड़ाई में हस्तक्षेप करने पर उसके हितों को बाधित करने के लिए तैयार हैं।" एक बयान में मिलिशिया ने इजरायली ठिकानों पर मिसाइलें दागने की भी धमकी दी है। अल-हमीदावी ने इराकियों से हमास के सैन्य अभियान के समर्थन में प्रदर्शन करने और चंदा इकट्ठा करने का आह्वान किया है।

हिजबुल्ला भी लड़ाई में कूदा

इस बीच, यह लड़ाई और फैलती भी जा रही है क्योंकि हमास को लड़ाई में अकेला पड़ता देख लेबनान के आतंकवादी समूह हिजबुल्ला ने भी बम और बंदूकें उठा ली हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, शक्तिशाली सशस्त्र समूह हिजबुल्ला के ताजा रॉकेट हमले के जवाब में बुधवार को इजरायल ने लेबनान के दक्षिणी हिस्से के शहरों पर जोरदार गोलाबारी कर उसे दहला दिया। इज़रायली सेना ने कहा कि उसने बुधवार को इज़रायली शहर अरब अल-अरामशे के पास उसके उत्तरी ठिकानों में से एक को एंटी टैंक फायर से निशाना बनाए जाने के बाद लेबनान पर हमला किया है। इस बीच, दक्षिणी लेबनानी शहर रमीश के निवासियों ने कहा कि इज़रायली गोलाबारी पास में हुई। एक सुरक्षा सूत्र ने बताया कि इजरायली तोपखाने के गोले अरब अल-अरामशे के पार, धायरा के आसपास रॉकेट लॉन्च बिंदु पर हमला कर रहे थे। उन कस्बों में रहने वाले लेबनानियों का कहना है कि हालिया हिंसा ने 2006 की यादें ताजा कर दी हैं, जब ईरान समर्थित हिजबुल्लाह और इज़राइल ने एक महीने तक आक्रामक होकर युद्ध लड़ा था। स्थानीय लेबनानी टेलीविजन स्टेशन अल-जदीद ने धायरा में कुछ घरों और खेत के पास एक जंगली क्षेत्र से निकल रहे सफेद धुएं के गुबार की तस्वीरें प्रसारित कीं। 

अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान

दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि इजराइल पर हमास का हमला विशुद्ध रूप से दुनिया पर थोपी गई एक बुराई है। हम आपको बता दें कि इस हमले में 14 अमेरिकी नागरिक भी मारे गए हैं। बाइडन ने कहा कि इजराइल को नष्ट करना और यहूदी लोगों को मारना हमास का घोषित उद्देश्य है। बाइडन ने व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमारे जीवन में ऐसे क्षण आते हैं, जब दुनिया पर बुराई थोपी जाती है। इजराइल के लोग इस सप्ताहांत ऐसे ही एक क्षण से गुजरे। यह हमला आतंकवादी संगठन हमास द्वारा किया गया जो ऐसा समूह है जिसका घोषित उद्देश्य यहूदियों को मारना है।’’

बाइडन ने कहा, ‘‘इजराइल पर किये गए इस हमले में 1,000 से अधिक नागरिकों को मार डाला गया। सिर्फ हत्या नहीं की गई बल्कि लोगों का कत्लेआम किया गया। इनमें कम से कम 14 अमेरिकी नागरिक मारे गये हैं। उन माता-पिता को मार डाला गया जो अपने बच्चों की रक्षा करने की कोशिश कर रहे थे। शिशुओं के मारे जाने की चौंकाने वाली खबरें हैं। पूरे परिवारों का खात्मा कर दिया गया। शांति का जश्न मनाने वाले एक संगीत समारोह में शामिल युवाओं की हत्या कर दी गई।’’ बाइडन ने कहा कि इजराइल में हमास का कृत्य आतंकवाद था जो ‘‘आईएसआईएस के आचरण से मिलता जुलता है।’’ इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वह 11-13 अक्टूबर तक इजराइल और जॉर्डन की यात्रा करेंगे, जहां वह वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा, ‘‘मंत्री इजराइल के खिलाफ आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के लिए अपनी संवेदना दोहराएंगे और हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करेंगे। वह इजराइल की सरकार और लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता भी दोहराएंगे। वह इजराइल की सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे और इजराइल के रक्षा के अधिकार के प्रति अमेरिका के अटूट समर्थन को रेखांकित करेंगे।’’

ईरान की भूमिका पर अमेरिका का जवाब

इस बीच, अमेरिका ने तमाम तरह की अटकलों के बीच यह भी कहा है कि इजराइल पर हमास के हाल के आतंकवादी हमले में ईरान की भूमिका के बारे में कोई विशेष सूचना नहीं मिली है लेकिन आतंकवादी समूह की सैन्य शाखा के लिए वित्त पोषण में ‘‘व्यापक तौर’’ पर उसकी मिलीभगत है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जैक सुलिवान ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने शुरुआत से कहा है कि ईरान की व्यापक तौर पर इस हमले में मिलीभगत है क्योंकि उन्होंने हमास की सैन्य शाखा को भारी-भरकम वित्त पोषण दिया है। उन्होंने प्रशिक्षण मुहैया कराया। उन्होंने (ईरान) उन्हें हमला करने की क्षमताएं मुहैया करायी। उन्होंने सहयोग दिया और वे वर्षों से हमास के साथ संपर्क में हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी चीजों ने उस घटना में भूमिका निभायी है जो हमने देखी है। अभी इस सवाल पर कि क्या ईरान को इस हमले के बारे में पहले से पता था या उसने योजना बनाने में मदद की या इस हमले का निर्देश दिया, तो अभी हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। हम इस सवाल के बारे में अपने इजराइली समकक्षों से नियमित आधार पर बात कर रहे हैं।’’ सुलिवान ने कहा कि अमेरिका अपनी खुफिया एजेंसियों से इस बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है कि क्या उनके पास इस बारे में कोई सूचना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम और खुफिया जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर कोई जानकरी मिलती है तो मैं आपके साथ साझा करूंगा।’’

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