Yes Bank ने खुदरा व छोटे व्यवसाय कर्जदारों को लेकर दिया ये बड़ा बयान

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यस बैंक ने कहा कि एमएसएमई ऋण पुनर्गठन के आवेदन मिले है। बैंक के खुदरा व्यवसाय के वैश्विक प्रमुख राजन पेंटल ने कहा कि कर्ज की किस्तों का संग्रह करीब 95-96 प्रतिशत पर वापस आ चुका है। कोरोना वायरस महामारी से पहले यह स्तर 97 प्रतिशत का था।

मुंबई। निजी क्षेत्र के यस बैंक ने मंगलवार को कहा कि उसके खुदरा व छोटे व्यवसाय कर्जदारों ने किस्तें चुकाने में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। बैंक ने कहा कि 60 हजार करोड़ रुपये में से महज 300 करोड़ रुपये के कर्ज के पुनर्गठन के लिये आवेदन दायर किये गये हैं। बैंक के खुदरा व्यवसाय के वैश्विक प्रमुख राजन पेंटल ने कहा कि कर्ज की किस्तों का संग्रह करीब 95-96 प्रतिशत पर वापस आ चुका है। कोरोना वायरस महामारी से पहले यह स्तर 97 प्रतिशत का था। पेंटल ने कहा, ‘‘कुल 60 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में से महज 300 करोड़ रुपये के कर्ज के लिये पुनर्गठन के आवेदन दायर किये गये हैं।’’ उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में बैंक ने जिस तरह से ग्राहकों का चयन किया है, उसका फायदा मिला है और पोर्टफोलियो की गुणवत्ता बेदाग व स्थिर है। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने पात्र कर्जदारों को अपने कर्ज का पुनर्गठन कराने की छूट दी है। इसके लिये दिसंबर तक आवेदन करने का समय है।

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पेंटल ने कहा कि संख्या के हिसाब से देखें तो अगस्त तक किस्तें चुकाने से दी गयी छूट (मोरेटोरियम) का 54 प्रतिशत कर्जदारों ने चयन किया। इसके अलावा अतिरिक्त 5 से आठ प्रतिशत कर्जदार किस्तें चुकाने में असमर्थ रहे। हालांकि मोरेटोरियम चुनने वाले ग्राहकों में से 85 प्रतिशत ने छह महीने की छूट की अवधि के दौरान कम से कम एक बार किस्त का भुगतान किया। पेंटल ने कहा कि सही पैमाना संग्रह का स्तर है, जो मोरेटोरियम अगस्त में समाप्त होने के बाद सितंबर में 89 प्रतिशत रहा। इसमें उसके बाद से लगातार सुधार जारी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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