WTO ने मत्स्य सब्सिडी पर 15 जुलाई को व्यापार मंत्रियों की बैठक बुलाई

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विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने मत्स्य सब्सिडी से संबंधित मतभेदों के हल के लिए व्यापार मंत्रियों की 15 जुलाई को बैठक बुलाई है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। डब्ल्यूटीओ की प्रमुख ने यह बैठक बुलाई है।

नयी दिल्ली। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने मत्स्य सब्सिडी से संबंधित मतभेदों के हल के लिए व्यापार मंत्रियों की 15 जुलाई को बैठक बुलाई है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। डब्ल्यूटीओ की प्रमुख ने यह बैठक बुलाई है। इसका मकसद बातचीत को जल्द पूरा कर इसके ब्योरे को अंतिम रूप देना है, जिससे दिसंबर में जिनेवा में होने वाली डब्ल्यूटीओ की मंत्री स्तरीय बैठक में मत्स्यपालन पर करार को पूरा किया जा सके। जिनेवा में इस मुद्दे पर लगातार विचार-विमर्श का सिलसिला चल रहा है। इन वार्ताओं का मुख्य उद्देश्य सब्सिडी में अनुशासन और कुल मिलाकर मत्स्य क्षेत्र में स्थिरता लाना है।

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साथ ही इसके जरिये गैरकानूनी, बिना सूचना वाली और गैर विनियमन वाली मत्स्य सब्सिडी (आईयूयू) को समाप्त करना है, क्योंकि इस तरह की सब्सिडी से अत्यधिक क्षमता और जरूरत से ज्यादा मछलियों को मारा जाता है। सूत्रों ने कहा कि व्यापार मंत्रियों की यह बैठक ऑनलाइन होगी। डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो आइविएला ने 15 जुलाई को इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए बैठक बुलाई है।

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जहां विकसित देश सब्सिडी पर अंकुश के लिए दबाव बना रहे हैं, वहीं भारत इसका एक समानता वाला और संतुलित परिणाम चाहता है, क्योंकि वह अपने छोटे और सीमान्त मछुआरों को समर्थन उपलब्ध कराता है। अमीर देश अपने मछुआरों को अरबों डॉलर की सब्सिडी उपलब्ध कराते हैं। वहीं भारत की सब्सिडी राशि सिर्फ 770 करोड़ रुपये है। सरकार ईंधन और नौकाओं के लिए सब्सिडी देती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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