गडकरी ने बैंकों से कहा, रुकी सड़क परियोजनाओं के वित्तपोषण का रास्ता निकालो

Nitin Gadkari wants banks to find ways to fund stalled road projects
[email protected] । Jun 29 2018 7:32PM

वित्त का प्रबंध नहीं होने की वजह से 56 बड़ी सकड़ परियोजनाएं अटकी हुई हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बैंकरों से कहा कि वे इन हजारों करोड़ रुपये की हाइब्रिड एन्युइटी माडल (एचएएम) परियोजनाओं के वित्त पोषण का रास्ता तलाशें।

मुंबई। वित्त का प्रबंध नहीं होने की वजह से 56 बड़ी सकड़ परियोजनाएं अटकी हुई हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बैंकरों से कहा कि वे इन हजारों करोड़ रुपये की हाइब्रिड एन्युइटी माडल (एचएएम) परियोजनाओं के वित्त पोषण का रास्ता तलाशें। गडकरी ने  बैंकरों, एलआईसी, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के शीर्ष अधिकारियों के साथ बंद दरवाजे में हुई बैठक के बाद कहा कि एनएचएआई ने 104 एचएएम परियोजनाएं आवंटित की हैं। इनमें से कुछ परियोजनाएं पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में आवंटित की गईं। इनमें से 56 परियोजनाएं अटकी हुई हैं क्योंकि डेवलपर्स उनके लिए वित्त का प्रबंध नहीं कर सके हैं। इस बैठक में भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार, एलआईसी के चेयरमैन वी के शर्मा, बैंक आफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक बीएस जयकुमार, यूनियन बैंक के प्रबंध निदेशक राजकिरण राय और निजी क्षेत्र के बैंक के उदय कोटक तथा इंडसइंड बैंक के रमेश सोबती शामिल हुए।

गडकरी ने बैठक के बाद कहा, ‘‘1,250 से 1,500 अरब रुपये की 104 एचएएम परियोजनाएं हैं। इनमें से 56 के लिए अभी तक वित्त का प्रबंध नहीं हुआ है। हम चाहते हैं कि बैंक इन परियोजनाओं का वित्तपोषण करें। आज की बैठक में हमने बैंकों से पूछा है कि इन परियोजनाओं के वित्त पोषण में समस्या क्या है।’’ गडकरी ने कहा कि मैंने बैंकों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सभी चिंताओं को दूर किया जाएगा। यहां उल्लेखनीय है कि बनाओ चलाओ स्थानांतरित करो (बीओटी) की तुलना में एचएएम परियोजनाएं कम जोखिम वाली हैं और ये ऊंचे रिटर्न की पेशकश करती हैं।

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