मुकेश अंबानी ने समझाया Modi Hai To Mumkin Hai का मतलब, PM के सामने ही उनकी जमकर तारीफ करते रहे Adani-Ambani
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कई अनिश्चितताओं के बीच भारत उम्मीद की एक ‘नयी किरण’ के रूप में उभरा है और दुनिया इसे स्थिरता के एक महत्वपूर्ण स्तंभ, एक भरोसेमंद दोस्त और वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि के इंजन के रूप में देखती है।
गुजरात में इस समय 10वें द्विवार्षिक वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन की धूम है। इस सम्मेलन में दुनिया की शीर्ष कंपनियों के प्रमुख और मुख्य कार्यपालक अधिकारी और कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान जहां दुनिया को भारत के उज्ज्वल भविष्य से अवगत कराया वहीं देशी-विदेशी उद्योगपतियों और कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों तथा विदेशी राष्ट्राध्यक्षों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनकी नीतियों की जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने वालों में उद्योगपति अडाणी और अंबानी भी शामिल रहे जिन पर कांग्रेस जमकर निशाना साधती है।
मुकेश अंबानी ने क्या कहा
इन दोनों उद्योगपतियों की ओर से क्या कहा गया यदि इस पर बात करें तो सबसे पहले आपको बताते हैं कि उद्योगपति मुकेश अंबानी ने क्या कहा। अंबानी ने 10वें द्विवार्षिक वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान मंच पर मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें भारत का सबसे सफल प्रधानमंत्री तथा वर्तमान पीढ़ी का सबसे महान वैश्विक नेता बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत को 2047 तक 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने से नहीं रोक सकती। मुकेश अंबानी ने सम्मेलन को ‘दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित निवेशक शिखर सम्मेलन’ करार दिया। हम आपको बता दें कि इस सम्मेलन की शुरुआत करीब दो दशक पहले की गई थी जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रमुख ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा, ''हमारे प्रिय नेता जो हमारे समय के सबसे महान वैश्विक नेता के रूप में उभरे हैं। वह नरेन्द्र भाई मोदी हैं, जो भारत के इतिहास में सबसे सफल प्रधानमंत्री हैं।’’ अंबानी ने कहा, ''विदेश में मेरे मित्र मुझसे पूछते हैं कि उस नारे का क्या अर्थ है जो लाखों भारतीय लगा रहे हैं...‘‘मोदी है तो मुमकिन है?’’ मैं उन्हें बताता हूं कि इसका मतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री अपनी दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प से असंभव को संभव बनाते हैं...’’ उन्होंने अपनी गुजराती जड़ों पर जोर देते हुए कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि मैं गुजराती हूं और रिलायंस एक गुजराती कंपनी थी, है और हमेशा रहेगी।’’
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गौतम अडाणी का संबोधन
वहीं उद्योगपति गौतम अडाणी की बात करें तो उन्होंने गुजरात में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा करते हुए कहा कि इस निवेश से एक लाख नौकरियों का सृजन होगा। अडाणी ने भी मोदी सरकार को सराहते हुए कहा कि 2014 के बाद से भारत ने सकल घरेलू उत्पाद में 185 प्रतिशत की वृद्धि और प्रति व्यक्ति आय में 165 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है, जो भू-राजनीतिक तथा वैश्विक महामारी संबंधी चुनौतियों को देखते हुए अद्वितीय है।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
वहीं प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बात करें तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कई अनिश्चितताओं के बीच भारत उम्मीद की एक ‘नयी किरण’ के रूप में उभरा है और दुनिया इसे स्थिरता के एक महत्वपूर्ण स्तंभ, एक भरोसेमंद दोस्त और वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि के इंजन के रूप में देखती है। उन्होंने यह भी कहा कि तेजी से बदलती विश्व व्यवस्था में भारत ‘विश्वमित्र’ के रूप में आगे बढ़ रहा है। ‘वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन’ के 10वें संस्करण के उद्घाटन के मौके पर मोदी ने कहा कि सभी प्रमुख रेटिंग एजेंसियों की राय है कि भारत अगले कुछ साल में दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का संबोधन
वहीं इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत वित्त वर्ष 2027-28 तक पांच लाख करोड़ डॉलर से अधिक के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि रुढ़िवादी अनुमानों के हिसाब से भी भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार वर्ष 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। हम आपको बता दें कि इस समय भारत लगभग 3.4 लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। अभी अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी उससे आगे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी।
इस मौके पर सीतारमण ने कहा कि भारत को वर्ष 2023 तक 23 वर्षों के दौरान 919 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है। इसमें से 65 प्रतिशत यानी 595 अरब डॉलर एफडीआई नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले आठ-नौ वर्षों के कार्यकाल में आया है। उन्होंने वित्तीय समावेशन का जिक्र करते हुए कहा कि बैंक खाता रखने वाले लोगों की संख्या 50 करोड़ हो गई है जबकि 2014 में 15 करोड़ लोगों के पास ही बैंक खाते थे।
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