जम्मू-कश्मीर में पहले जनमत संग्रह क्यों नहीं हुआ: कमल हासन
कश्मीर मुद्दे पर अपने विचार प्रकट करते हुए अभिनेता से नेता बने हासन ने कहा कि वह पाकिस्तान में ‘जिहादियों’ को गौरवान्वित करने की निंदा करते हैं। इस कार्यक्रम में छात्रों ने हिस्सा लिया।
चेन्नई। मक्कल निधि मय्यम के प्रमुख कमल हासन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए जनमतसंग्रह एक विकल्प हो सकता था। उन्होंने पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए तत्काल सर्जिकल हमले की मांग पर असहमति जताई। रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कश्मीर मुद्दे पर अपने विचार प्रकट करते हुए अभिनेता से नेता बने हासन ने कहा कि वह पाकिस्तान में ‘जिहादियों’ को गौरवान्वित करने की निंदा करते हैं। इस कार्यक्रम में छात्रों ने हिस्सा लिया।
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उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर भारतीय और पाकिस्तानी नेतृत्व सही तरीके से व्यवहार करे तो मौतों को रोका जा सकता है। हासन ने कहा कि क्यों जनमतसंग्रह नहीं हुआ। ऐसा क्यों नहीं किया गया? उनका डर क्या है? भारत दो भागों में अलग हो गया (भारत और पाकिस्तान)। आप जम्मू-कश्मीर के लोगों से क्यों नहीं पूछते, वे (राजनीतिक नेतृत्व) ऐसा नहीं करेंगे।
Makkal Needhi Maiam leader Kamal Hassan at an event in Chennai yesterday: Why India is not holding a plebiscite in Kashmir? What are they (Indian government) afraid of? pic.twitter.com/9M6bS5JoWV
— ANI (@ANI) February 18, 2019
सीआरपीएफ के जवानों की हालिया शहादत पर उन्होंने कहा, ‘अगर कहीं खून बह रहा है तो पहला काम उसे रोकना है...तत्काल सर्जरी (सर्जिकल हमला) कोई विकल्प नहीं है। सर्जरी की व्यवस्था भी होनी चाहिए...ठीक है लेकिन जब खून बहता है तो उसे रोकने के लिए कपड़ा या बर्फ का टुकड़ा रखते हैं ताकि आगे खून न बहे। मैं इस पर दुख व्यक्त करता हूं।
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उन्होंने याद करते हुए कहा कि सालों पहले उन्होंने एकदम ‘सटीक’ भविष्यवाणी की थी कि जम्मू कश्मीर में ऐसी घटनाएं होंगी। उन्होंने कहा कि तथाकथित ‘आजाद कश्मीर’ में ट्रेनों पर जिहादियों को गौरवान्वित करते हुए पोस्टर दिखते हैं जो कि पागलपन ही है। भारत को इस तरह का पागलपन नहीं दोहराना चाहिए। हमें यह दिखाना होगा कि भारत उससे कहीं बेहतर देश है।
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