By अनुराग गुप्ता | Feb 25, 2022
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की लेकर राजनीतिक दलों के बीच में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। आपको बता दें कि प्रदेश में चार चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और पांचवे चरण में अयोध्या से लेकर अमेठी तक घमासान मचा हुआ है। इस चरण में कुंडा की हाई प्रोफाइल सीट पर भी चुनाव होना है। जहां से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया मैदान में है।
मायावती सरकार में जेल की हवा खा चुके राजा भैया कुंडा से साल 1993 से अजेय हैं और इस बार 27 फरवरी को उनकी किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी और 10 मार्च को पता चलेगा कि राजा भैया को एक बार फिर से जीत हासिल हुई है या नहीं।
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रति सॉफ्ट कार्नर रखने वाले राजा भैया ने योगी आदित्यनाथ सरकार को पिछली सरकारों की तुलना में बेहतर बताया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राजा भैया ने कहा कि हमारी पार्टी 'जनसत्ता दल लोकतांत्रिक' (जेडीएल) विधानसभा में मेरे 25 साल पूरे करने के बाद जनता की मांग पर बनी है। हमारा मुख्य लक्ष्य किसानों और छात्रों की बेहतरी है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार पिछली सरकारों की तुलना में बेहतर साबित हुई है।
राजा भैया निर्दलीय चुनाव लड़कर कल्याण सिंह की सरकार से लेकर अखिलेश सरकार तक में मंत्री रहे हैं। हालांकि बसपा प्रमुख मायावती के साथ उनकी जमती नहीं है। साल 2002 में मायावती ने राया भैया पर आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) लगा कर उन्हें कालकोठरी में कैद कर दिया था। लेकिन 2003 में मुलायम सिंह की सरकार बनने पर राजा भैया के ऊपर से पोटा हटा दिया गया था और उनकी रिहाई हुई थी।
राजा भैया के संबंध विगत वर्षों में समाजवादी पार्टी से बेहतर रहे। साल 2002 में सपा ने कुंडा से राजा भैया के खिलाफ अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था लेकिन इस बार पार्टी ने गुलशन यादव को मैदान में उतारा है। राजा भैया का मानना है कि कुंडा में उन्हें टक्कर देने वाला कोई नहीं है।