By अनन्या मिश्रा | Dec 01, 2024
हर साल 01 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य एचआईवी से पीड़ित लोगों के प्रति समर्थन दिखाने, एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी से मरने वालों को याद करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। बता दें कि यह एक वैश्विक पहल है, जो व्यक्तियों, समुदायों और सरकारों को एचआईवी/एड्स के खिलाफ लड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। विश्व एड्स दिवस का दिन इस बीमारी के बारे में जागरुक करता है। तो आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम के बारे में...
इतिहास
साल 1988 में जेम्स डब्ल्यू. बन्न और थॉमस नेटर ने सबसे पहले विश्व एड्स दिवस की शुरुआत की थी। जेम्स डब्ल्यू. बन्न और थॉमस नेटर एड्स पर वैश्विक कार्यक्रम में WHO के लिए काम करने वाले दो सार्वजनिक सूचना अधिकारी थे। उन्होंने एचआईवी/एड्स के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने और बेहतर मीडिया कवरेज सुनिश्चित करने के लिए इस विचार की कल्पना की थी। विश्व एड्स दिवस के लिए 01 दिसंबर का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि अमेरिकी चुनावों के बाद और छुट्टियों के मौसम से पहले ध्यान आकर्षित करने के लिए समय सीमा प्रदान करता था।
महत्व
इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में एचआईवी/एड्स को लेकर जागरुकता बढ़ाना है। यह दिन एड्स की रोकथाम और इलाज की दिशा में भी अहम भूमिका निभाता है। विश्व स्तर पर लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं। वहीं जानकारी का अभाव होने के कारण न तो लोग इसका सही इलाज ले पाते हैं औऱ न इससे अपना बचाव कर पाते रहैं।
एड्स जैसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को हमारे समाज में कलंक की तरह देखा जाता है। जिसके कारण लोग अपनी इस बीमारी के बारे में बताने से भी कतराते हैं। यह बीमारी यौन संबंध के अलावा अन्य तरीकों से भी हो सकती है। इसलिए विश्व एड्स दिवस की मदद से इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने के साथ ही इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के जीवन को आसान बनाने की कोशिश की जाती है।
थीम
बता दें कि हर साल विश्व एड्स दिवस के मौके पर खास थीम रखी जाती है। इस साल यानी की साल 2024 में विश्व एड्स दिवस की थीम 'सही मार्ग अपनाएं' रखी गई है।