By अभिनय आकाश | Dec 14, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। 75 साल में 55 साल एक ही परिवार ने राज किया। इसलिए इन सालों में क्या क्या हुआ ये देश को जानने का पूरा अधिकार है। एक परिवार की कूविचार, कूरीति निरंतर चल रही है। हर स्तर पर इस परिवार ने संविधान को चुनौती दी है। 1947 से 1952 देश में चुनी हुई सरकार की जगह अस्थायी व्यवस्था थी। चुनाव नहीं हुए थे। अंतरिम व्यवस्था के रूप में खाका खड़ा किया गया था। 1952 के पहले राज्यसभा का भी गठन नहीं हुआ था। राज्यों में भी ऐसा ही था। 1951 में चुनी हुई सरकार के बिना आर्डिनेंस करके संविधान को बदला और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला किया गया। संविधान निर्माताओं का भी ये अपमान था। अपने मन की चीजें संविधान सभा के अंदर नहीं करवा पाए वो पिछले दरवाजे से किया।
पीएम मोदी ने उस दौर का जिक्र करते हुए कहा कि उसी दौरान उस समय के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा था कि अगर संविधान हमारे रास्ते के बीच में आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए। 1951 में ये पाप किया गया। लेकिन देश चुप नहीं था। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी ने चेताया कि गलत हो रहा है। स्पीकर से लेकर आर्चाय कृपलानी और जेपी ने भी पंडित नेहरू को रुकने को कहा। लेकिन नेहरू जी का अपना संविधान चलता था। उन्होंने वरिष्ठों की सलाह को दरकिनार कर दिया। संविधान संशोधन करने का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लगा कि वो समय समय पर इसका शिकार करती रही। संविधान की स्पिरिट को लहूलुहान करती रही। 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया।
पीएम मोदी ने कहा कि जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री ने बोया था उस बीज को खाद पानी एक और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया। जो पाप पहले प्रधानमंत्री करके गए। जो खून लग गया था। 1971 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया। 1971 में संविधान संशोधन करके देश की अदालत के पर कतरे गए थे।